फतेहाबाद

फतेहाबाद में मैरिज हॉल, होटल और धर्मशाला संचालकों को शादी व अन्य कार्यक्रम आयोजित करवाने बारे दिशा निर्देश जारी

संबंधित एसडीएम व अधिकारी निर्देशों की अनुपालना सुनिश्चित करवाएं : जिलाधीश

फतेहाबाद,
जिलाधीश एवं उपायुक्त डॉ. नरहरि सिंह बांगड़ ने मैरिज हॉल, बैंक्वेट हॉल, होटल, धर्मशाला के मालिक व संचालकों को निर्देश दिए है कि वे सुबह 9 बजे से रात्रि 8 बजे तक के बीच शादी व अन्य कार्यक्रम आयोजित करवाएं, ताकि रात्रि कफ्र्यू (रात्रि 9 बजे से सुबह 5 बजे तक) के आदेशों की पालना सुनिश्चित की जा सकें। उपायुक्त ने संबंधित एसडीएम व अधिकारियों को भी निर्देश दिए है कि वे समय-समय पर निरीक्षण कर इन आदेशों की पालना सुनिश्चित करवाएं। इन आदेशों की अवहेलना करने वाले व्यक्ति या व्यक्तियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 188 के तहत कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
जिलाधीश ने कोरोना वायरस से संक्रमण से बचाव के लिए मैरिज हॉल, बैंक्वेट हॉल, होटल, धर्मशाला के मालिक व संचालकों से कहा कि वे मुख्य द्वार पर थर्मल स्केनिंग व सैनिटाइजर के साथ गार्ड की नियुक्त करें। कोई भी व्यक्ति बिना स्केनिंग, सैनिटाइजेेशन व मास्क के प्रवेश नहीं होना चाहिए। मालिक व संचालक यह भी सुनिश्चित करें कि वे आमतौर पर मानव के संपर्क में आने वाले प्वाइंट जैसे डोर हैंडल आदि को सैनिटाइजेशन करवाएं। डॉ बांगड़ ने कहा कि बैंक्वेट हॉल 2000 स्केयर फुट बड़ा होना चाहिए व सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए 50 लोगों को एक ही समय में आने की अनुमति होनी चाहिए। शादी का कार्यक्रम उचित खुले और हवादार जगह पर होना चाहिए और सैंट्रल एयर कंडिशनिंग का प्रयोग नहीं होना चाहिए। किसी भी व्यक्ति जिसे खांसी, जुकाम, गले में दर्द या बुखार हो उसको प्रवेश नहीं देना चाहिए। अगर किसी व्यक्ति के हाथ पर होमक्वारंटाईन की स्टैम्प हो उसे भी प्रवेश नहीं देना चाहिए। कंटेनेमेंट जोन से कोई भी व्यक्ति कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकता।
उन्होंने कहा कि संस्थान के मालिक व संचालक को प्रतिदिन के हिसाब से कार्यक्रम में शामिल होने वाले प्रत्येक व्यक्ति का नाम, मोबाइल नंबर व पता इत्यादि रखना होगा, ताकि जरूरत पडऩे पर इन व्यक्तियों से संपर्क किया जा सके। किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या के लिए डिस्ट्रिक्ट हेल्पलाइन नंबर 1950 पर कॉल की जा सकती है। वरिष्ठ नागरिक, गर्भवती महिलाएं या गंभीर बीमारियों का ईलाज करवा रहे ऐसे व्यक्ति अपना अधिक ध्यान रखें। व्यक्तियों के एक-दूसरे के नजदीक आने व संपर्क करने पर कोरोना वायरस आंखों पर भी प्रतिकूल असर डालता है। संस्थान के वर्कर चश्में, फेस शील्ड, ट्रिपल लेयर सर्जिकल मास्क, हैड कवर या गलव्ज इत्यादि का जरूर प्रयोग करें।
डॉ बांगड़ ने कहा कि कार्यक्रम स्थल के मुख्य द्वार पर व्यक्तियों की थर्मल स्क्रीनिंग की जाए। स्केंनिग व्यक्ति के माथे से 3-5 सेंटीमीटर दूर से होनी चाहिए। अगर किसी व्यक्ति का तापमान (37.50 डिग्री सेल्सियस या 99.50 फारेंहाइट), जुकाम, खांसी या सांस लेने में परेशानी हो तो उसे अन्दर नहीं आने देना चाहिए और तुरंत मेडिकल सहायता की सलाह देनी चाहिए। मेहमानों, कार्यरत स्टाफ व वर्करस इत्यादि के प्रवेश व निकासी द्वार अलग-अलग होने चाहिए। लाइन में खड़े होते समय कम से कम 6 फीट की दूरी रखनी चाहिए, ताकि पर्याप्त दूरी बनाई जा सके। संस्थान में बैठते वक्त भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाए। वॉशरूम व अन्य स्थानों की अच्छे से सफाई होनी चाहिए। सामान को कमरे में ले जाने से पहले सैनेटाईज करें।

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