धर्म

परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—189

धर्मप्रेमी सुंदरसाथ जी, जब भगवान कृष्ण छोटे थे, तो बहुत नटखट थे। उनके कन्हैया, श्याम, नंदलाला और गोपाल जैसे कई नाम थे और हर नाम के पीछे एक कहानी है। ऐसी ही कहानी उनके गोविंद नाम के पीछे भी है, तो आज की कहानी इस गोविंद नाम पर ही है।

बात उन दिनों की है जब बाल-गोपाल कृष्ण जंगल में गायों को चराने जाया करते थे। एक दिन वह अपनी गायों को जंगले ले कर गए, तो कामधेनु नाम की एक गाय उनके पास आई। उस गाय ने भगवान श्री कृष्ण से कहा, “मेरा नाम कामधेनु है और मैं स्वर्गलोक से आई हूं। जिस तरह आप पृथ्वी पर गायों की रक्षा करते हैं, उससे मैं बहुत प्रभावित हूं और आपका सम्मान करने के लिए आपका अभिषेक करना चाहती हूं।”

कामधेनु की यह बात सुन कर भगवान मुस्कुराए और उन्होंने उसे अभिषेक करने की अनुमति दे दी। इसके बाद, कामधेनु ने पवित्र जल से भगवान श्री कृष्ण का अभिषेक किया। इसके बाद, इंद्रदेव अपने हाथी एरावत पर बैठकर वहां आए और उन्होंने श्री कृष्ण से कहा कि आपके पुण्य कामों की वजह से अब से सारी दुनिया में लोग आपको गोविंद के नाम से भी जानेंगे।

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