धर्म

परमहंस संत शिरो​मणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से —636

एक गांव में संत कुछ शिष्यों के साथ अपने आश्रम में रहते थे। संत बहुत ही विद्वान थे और शिष्यों को सुखी और सफल जीवन के उपदेश देते थे। उनके साथ ही एक छोटा बच्चा भी रहता था।

एक दिन उनका एक छोटा शिष्य कहीं से एक तोता ले आया और उसे पिंजरे में बंद कर दिया। संत ने शिष्य को समझाया कि उसे छोड़ दे, लेकिन शिष्य ने गुरु की बात नहीं मानी और तोते को साथ लेकर खेलने लगा। शिष्य बहुत छोटा था, इसीलिए गुरु उसे सख्ती से आदेश नहीं दे सकते थे।

संत ने सोचा कि अब तोते को ही मुक्त होने का तरीका सिखाना चाहिए। इसके बाद गुरु रोज तोते को एक पाठ पढ़ाने लगे। गुरु ने तोते को बोलना सिखाया कि पिंजरा छोड़ दो, उड़ जाओ।

तोत संत की सिखाई हुई बात रटने लगा। कुछ ही दिनों में तोते ने ये बात अच्छी तरह रट लिया। एक दिन छोटे बच्चे ने गलती से पिंजरा खुला छोड़ दिया। खुले पिंजरे से तोता बाहर आ गया, वह जोर-जोर से बोल रहा था कि पिंजरा छोड़ दो, उड़ जाओ।

संत ने देखा कि तोता पिंजरे से बाहर आ गया है और वह उनका सिखाई हुई बात रट रहा था। अब संत को लगा कि अब ये तोता उड़ जाएगा। संत जैसे ही तोते के पास पहुंचे, तो तोता दौड़कर अपने पिंजरे में घुस। पिंजर के अंदर भी तोता यही बोल रहा था कि पिंजरा छोड़ दो, उड़ जाओ।

तोते को फिर से पिंजरे में देखकर संत को बहुत दुख हुआ। संत ने सोचा कि तोते ने सिर्फ शब्द याद कर लिए हैं, वह इनका मतलब नहीं जानता है। इस पर उपदेश का कोई असर नहीं हुआ है।

धर्मप्रेमी सुंदरसाथ जी, अधिकतर लोग उपदेश और प्रवचन सुनते हैं, लेकिन उनका मतलब नहीं समझते हैं और ना ही उन्हें जीवन में उतारते हैं। इसी वजह से उनके जीवन की समस्याएं बनी रहती हैं।

उपदेश को जब तक समझेंगे नहीं, उन पर चलेंगे नहीं तब तक उनसे कोई भी लाभ नहीं मिल सकता है। ज्ञान की बातें तभी हमारे काम आ सकती हैं, जब हम उन्हें अपनाएंगे।

Shine wih us aloevera gel

https://shinewithus.in/index.php/product/anti-acne-cream/

Related posts

स्वामी राजदास : सबसे बड़ा धन

परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—444

Jeewan Aadhar Editor Desk

परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से — 594