अब 12वीं के बाद भी सीधे शिक्षक बनने का अवसर मिल सकेगा। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने अपने नए इंटिग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम (आईटीईपी) की मान्यता के लिए उत्तराखंड के दरवाजे खोल दिए हैं। हालांकि बीएड की मान्यता के दरवाजे अभी बंद हैं।
एनसीटीई ने इस साल से चार वर्षीय इंटिग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम (आईटीईपी) शुरू किए हैं। इन पाठ्यक्रमों में 12वीं के बाद सीधे दाखिला मिलेगा। कोर्स करने के बाद जो डिग्री मिलेगी, वह बीएड के बराबर मानी जाएगी। इस कोर्स को सरकारी विश्वविद्यालय व कॉलेज के साथ ही निजी विवि और कॉलेज भी संचालित कर सकेंगे।
2015 से बीएड की नई मान्यता पर रोक
उत्तराखंड में वर्ष 2015 से बीएड की नई मान्यता पर रोक लगी हुई है। इस वजह से चार साल से यहां कोई भी नया बीएड कॉलेज नहीं खुला, लेकिन जो कॉलेज पहले से चल रहे हैं, वे इस नए कोर्स को चला सकेंगे। कोर्स अगले वर्ष से ही शुरू किया जाएगा। यह दो कोर्स होंगे। पहला कोर्स प्री प्राइमरी से प्राइमरी स्तर तक पढ़ाने के लिए होगा।
दूसरा कोर्स अपर प्राइमरी से सेकेंडरी स्तर तक के शिक्षण के लिए होगा। एनसीटीई के सदस्य सचिव संजय अवस्थी की ओर से सभी संबंधित राज्यों को मान्यता की प्रक्रिया अमल में लाने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
किन राज्यों में चलेगा चार वर्षीय आईटीईपी
आईटीईपी (प्री प्राइमरी से प्राइमरी लेवल) : हरियाणा, सिक्किम, त्रिपुरा, असम, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह, बिहार, दिल्ली, राजस्थान।
आईटीईपी (अपर प्राइमरी से सेकेंडरी लेवल) : उत्तराखंड, तेलंगाना, सिक्किम, त्रिपुरा, असम, कर्नाटक, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, बिहार, दिल्ली और राजस्थान।
एसोसिएशन ऑफ सेल्फ फाइनेंस इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष डॉ. सुनील अग्रवाल का कहना है कि बीएड पर वर्ष 2015 से रोक लगी है। डीएलएड केवल सरकारी संस्थानों में ही संचालित हुआ है। अब चार वर्षीय आईटीईपी के लिए उत्तराखंड को भी मान्यता मिलेगी जो कि हर्ष का विषय है। हम एनसीटीई के इस कदम का स्वागत करते हैं।