अमेरिका
एक ग्लोबल एक्सपर्ट की मानें तो भारत की आबादी चीन से ज्यादा हो गई है। अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कॉन्सिन-मैडिसन के प्रोफेसर यी फुक्सियान ने यह दावा किया है। फुक्सियान ने परिवार नियोजन से जुड़े चीन के बेहद सख्त नियमों के खिलाफ लंबे समय तक अभियान चलाया है।
यी ने बीजिंग में बीते सोमवार को एक कॉन्फ्रेंस में कहा कि उनका पक्के तौर पर मानना है कि पिछले 26 साल में चीन के सांख्यिकीविदों ने देश की आबादी को 9 करोड़ ज्यादा बताया है। नहीं तो पिछले साल के आखिर में उसकी आबादी 1.29 अरब होती। इस प्रोफेसर ने गार्डियन के साथ इंटरव्यू में बुधवार को फिर यह दोहराया। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि वास्तविक आंकड़ा 1.29 अरब है, लेकिन सरकार को लगता है कि यह 1.38 अरब है।’ उन्होंने कहा, ‘भारत की आबादी फिलहाल शायद 1.32 अरब है।’ यी ने दलील दी कि उनके नतीजे इस बात की तरफ इशारा करते हैं कि बुजुर्गों की बढ़ती आबादी के संकट से निपटने के लिए चीन को तत्काल जनसंख्या नियंत्रण संबंधी सभी सख्त नियम खत्म कर देने चाहिए। चीन ने 2015 में एक बच्चे की पॉलिसी को बदलते हुए देश में दो बच्चों वाली नीति लागू की थी। प्रोफेसर यी का कहना था कि उन्हें उम्मीद है कि उनकी विवादास्पद पड़ताल चीन में जनसंख्या को लेकर इस खतरनाक ट्रेंड पर बहस छेड़ेगी। उन्होंने इसे इस मुल्क की सर्वोच्च समस्या करार दिया।
हालांकि, भारत और चीन के जानकार प्रोफेसर यी के दावों पर संदेह जता रहे हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, इरविन के प्रमुख जनसंख्या विशेषज्ञ वांग फेंग ने यी के दावों को खारिज करते हुए इसे सनसनीखेज, बेहद लापरवाही से भरा और राजनीति से प्रेरित आकलन बताया। उन्होंने कहा, ‘वह राजनीतिक एजेंडा चलाने वाले शख्स हैं, जो हमेशा से चीनी सरकार की नीतियों के आलोचक रहे हैं…लिहाजा उनके आंकड़ों पर सीधा-सीधा भरोसा नहीं किया जाना चाहिए।’ यह पूछे जाने पर कि वह चीन की सही-सही आबादी के बारे में क्या सोचते हैं, उन्होंने कहा, ‘मैं सरकार के आंकड़े पर भरोसा करूंगा।’
भारत के जनसंख्या विशेषज्ञों ने भी इस बात को खारिज कर दिया कि उनके मुल्क की आबादी चीन से ज्यादा हो गई है। मुंबई के इंटरनैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ पॉप्युलेशन साइंसेज में पॉप्युलेशन रिसर्चर एल एल सिंह का कहना था, ‘चीन अब भी दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी वाला देश है, लेकिन भारत 2025 तक उससे आगे निकल जाएगा।’ भारत की आबादी फिलहाल 1.3 अरब है और 1947 में इसके आजाद होने के बाद अब तक इसमें 4 गुना बढ़ोतरी हो चुकी है। हालांकि, जनसंख्या ग्रोथ में धीरे-धीरे कमी आ रही है। बहरहाल, 2011 के दशक में ग्रोथ का आंकड़ा 17.7 पर्सेंट रहा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुमानों के मुताबिक, 2050 तक भारत की आबादी 1.7 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगी और इसके बाद इसमें गिरावट शुरू होगी।