परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—540 धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—540Jeewan Aadhar Editor DeskMay 17, 2025May 17, 20250
परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—539 धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—539Jeewan Aadhar Editor DeskMay 16, 2025
परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—538 धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—538Jeewan Aadhar Editor DeskMay 15, 2025
परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से-537 धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से-537Jeewan Aadhar Editor DeskMay 14, 2025May 14, 2025
परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से— 536 धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—...Jeewan Aadhar Editor DeskMay 13, 2025
धर्मओशो : धारणाJeewan Aadhar Editor DeskFebruary 8, 2018 February 8, 2018 मैं भी रोज यही करता हूं चेष्टा करता हूं कि तुम्हारी पुरानी धारणा टूट जाए। और ऐसा नहीं है कि तुम्हारी पुराणी धारणा गलत ही...
धर्मस्वामी राजदास : प्रश्नJeewan Aadhar Editor DeskFebruary 8, 2018 February 8, 2018 एक बार एक झेन गुरु ने अपने शिष्यों को प्रश्नों के लिए आमंत्रित किया। एक शिष्य ने पूछा,‘जो लोग अपनी शिक्षा के लिए परिश्रम करते...
धर्मस्वामी सदानंद के प्रवचनों से—253Jeewan Aadhar Editor DeskFebruary 8, 2018 February 8, 2018 सभी गोपियाँ यशोदा माँ के पास कन्हैया की शिकायत करने के लिए आती है और कहती हैं, मैया आपका लाड़ला बहुत बिगड़ गया है, पहले...
धर्मसत्यार्थप्रकाश के अंश—61Jeewan Aadhar Editor DeskFebruary 7, 2018 February 7, 2018 जिस बात से तुम सत्याग्राही होना चाहते हो उसी बात से असत्याग्राही भी ठहरते हो क्योंकि जब सब मनुष्य भ्रान्तिरहित नहीं हो सकते तो तुम...
धर्मओशो : ब्राह्मण का अर्थJeewan Aadhar Editor DeskFebruary 7, 2018 February 7, 2018 स्वाभाविक है। जो असली ब्राह्मण थे, वे तो बुद्ध के साथ हो लिये। असली ब्राह्मण को तो बुद्ध में ब्रह्म के दर्शन हो गए। ब्रह्मण...
धर्मस्वामी राजदास : विचारधाराJeewan Aadhar Editor DeskFebruary 7, 2018 February 7, 2018 आमतौर पर दो प्रकार की विचारधारा होती है- आध्यात्मिक व दुनियावी। दुनियावी विचारधारा वाला व्यक्ति हर वस्तु को सांसारिक दृष्टि से देखता है। ऐसे लोग...
धर्मस्वामी सदानंद के प्रवचनों से — 252Jeewan Aadhar Editor DeskFebruary 7, 2018 February 7, 2018 यह पुतना कौन हैं? पूतना पूर्व-जन्म में राजा बलि की राजकुमारी रत्नमाला थी जब भगवान् वामन बालक का रूप बनकर आए तो उनके सुन्दर रूप...
धर्मसत्यार्थप्रकाश के अंश—60Jeewan Aadhar Editor DeskFebruary 4, 2018 February 4, 2018 जब मेला होता है, तब मन्दिर के भीतर पुजारी रहते है और नीचे दुकान लगा रक्खी है। मन्दिर में से दुकान में जाने का छिद्र...
धर्मओशो : कबीरJeewan Aadhar Editor DeskFebruary 4, 2018 February 4, 2018 पंद्रह सौ ब्रह्मण सारे देश से एकत्रित हुए कबीर के संत्सग के लिए। कबीर तो जुलाहा थे, मुसलमान थे जन्म से तो। उनकी शूद्र से...
धर्मस्वामी राजदास : संतोष वृत्तिJeewan Aadhar Editor DeskFebruary 4, 2018 February 4, 2018 एक महात्मा भ्रमण करते हुए नगर में से जा रहे थे। मार्ग में उन्हें एक रुपया मिला। महात्मा तो विरक्त और संतोषी व्यक्ति थे। वे...