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शेविंग क्रीम, टूथपेस्ट, शैंपू, चॉकलेट, मार्बल हुआ सस्ता, 28% स्लैब में केवल 50 ही प्रोडक्ट

गुवाहाटी,
गुवाहाटी में चल रही GST काउंसिल की बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए हैं। शुक्रवार को हुई इस बैठक में फैसला हुआ है कि अब 28% स्लैब में कुल 50 ही प्रोडक्ट रहेंगे। जीएसटी काउंसिल ने शेविंग क्रीम, टूथपेस्ट, शैंपू, चॉकलेट, मार्बल आदि को 28 फीसदी टैक्स की स्लैब से हटा दिया है। अब सिर्फ 50 लग्जरी प्रोडक्ट ही 28 फीसदी की श्रेणी में रहेंगे। जीएसटी में 28 फीसदी टैक्स के दायरे में आने वाले 177 सामानों पर टैक्स कम करके उन्हें 18 फीसदी टैक्स स्लैब के दायरे में लाया जाएगा। शुक्रवार को जीएसटी काउंसिल की मीटिंग के बाद बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मीडिया से बात करते हुए इस बात की जानकारी दी। सरकार के इस फैसले के बाद अब केवल 50 सामान ही 28 फीसदी टैक्स के दायरे में रह जाएंगे। बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा जीएसटी परिषद ने 28 प्रतिशत कर दायरे में ज्यादातर लग्जरी, गैर-जरुरी और अहितकर सामान सहित केवल 50 वस्तुओं को ही रखने का फैसला किया। हालांकि इसका औपचारिक ऐलान शुक्रवार शाम को किया जाएगा।
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गौरतलब है कि ​परिषद की दो दिवसीय बैठक गुरुवार को शुरू हुई थी। परिषद की यह 23वीं बैठक है। इसमें असम के वित्त मंत्री हेमंत विश्व शर्मा की अध्यक्षता वाले मंत्री समूह की एकमुश्त योजना के लिए कर दरों में कटौती के सुझावों पर भी विचार किया गया।
आपको बता दें कि जेटली की अध्यक्षता वाली इस परिषद में राज्यों के वित्त मंत्री शामिल हैं। देश में जुलाई 2017 से कार्यान्वित जीएसटी के तहत 1200 से अधिक वस्तुओं और सेवाओं को 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत कर की श्रेणी में लाया गया है। विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं के कर निर्धारण का आधार पिछले कराधार को बनाया गया है। यानी सभी वस्तुओं और सेवाओं पर कर के भार को लगभग पूर्व के स्तर पर बरकरार रखने के साथ राजस्व संग्रह तटस्थ रखने का प्रयास किया गया है।
जेटली ने पिछले दिनों कहा था कि कुछ वस्तुओं पर 28 प्रतिशत कर की दर नहीं होनी चाहिए और पिछले तीन-चार बैठकों में जीएसटी परिषद ने 100 वस्तुओं पर जीएसटी की दर में कमी की है। इसके तहत कर की दर को 28 प्रतिशत से 18 प्रतिशत और 18 प्रतिशत से 12 प्रतिशत की दर पर लाया गया है।
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जेटली ने कहा था, “हम धीरे-धीरे कर की दर को नीचे ला रहे हैं। इसके पीछे विचार यह है कि जैसे आपका राजस्व संग्रह तटस्थ होता है हमें इसमें कमी (उच्च कर दायरे में आने वाली वस्तुओं की संख्या) लानी चाहिए और परिषद अब तक इसी रूप से काम कर रही है।”

क्या होगा सस्ता
बताया जा रहा है कि मीटिंग में फैसला हुआ है कि चॉकलेट, फूड प्रॉडक्ट्स, मार्बल और प्लाईवुड जैसे कई उत्पाद अब 18 पर्सेंट वाले दायरे में आएंगे।

क्या सस्ता नहीं
वहीं यह भी कहा जा रहा है कि पेंट, सीमेंट, वॉशिंग मशीन, फ्रिज और तंबाकू जैसे सामानों पर कोई राहत नहीं मिली है।
गौरतलब है कि जीएसटी लागू होने के बाद से ही जरूरी उपयोग की वस्तुओं पर ज्यादा टैक्स वसूलने को लेकर सरकार की काफी आलोचना हो रही थी। जिसके बाद सरकार द्वारा इन वस्तुओं पर टैक्स कम करने की उम्मीद पिछले कुछ समय से जताई जा रही थी।
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