नई दिल्ली,
राहुल गांधी का कांग्रेस अध्यक्ष बनना लगभग तय हो गया है। पहले भी कई बार ऐसी अटकलें लगाई गई हैं, लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के कांग्रेस वर्किंग कमिटी (सीडब्ल्यूसी) की मीटिंग बुलाने के साथ राहुल का अध्यक्ष बनना लगभग तय माना जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि मीटिंग को लेकर अब तक कोई पुख्ता जानकारी नहीं थी, लेकिन शनिवार को पार्टी द्वारा सोमवार को मीटिंग बुलाने की जानकारी मिली। हालांकि मीटिंग का मुद्दा अब तक साफ नहीं हो पाया है। वहीं सूत्रों का यह भी कहना है कि पार्टी के पास मीटिंग बुलाने का कोई बड़ा कारण नहीं है, ऐसे में माना जा रहा है कि यह बैठक संगठन के चुनाव को ध्यान में रखते हुए बुलाई गई है। स्कूली प्रतियोगिता.. प्ले ग्रुप से दसवीं तक विद्यार्थी और स्कूल दोनों जीतेंगे सैंकड़ों उपहार.. अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करे
पार्टी के संविधान के मुताबिक, पार्टी अध्यक्ष के चुनाव के लिए शेड्यूल को सीडब्ल्यूसी की मंजूरी मिलना जरूरी है। हालांकि पार्टी में अध्यक्ष पद के लिए राहुल गांधी के सिवा अभी तक कोई नाम सामने नहीं आया है। माना जा रहा है कि गुजरात चुनाव के अपने पीक पर होने के साथ ही राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने का ऐलान भी कर दिया जाएगा। नौकरी करना चाहते है, तो यहां क्लिक करे।
राहुल गांधी के यह जिम्मेदारी संभालते ही उनकी मां सोनिया गांधी का पार्टी प्रमुख के तौर पर 19 साल का कार्यकाल खत्म हो जाएगा। राहुल गांधी को 2013 में पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया गया था। दिसंबर की शुरुआत में राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने का मतलब है कि राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण गुजरात चुनाव के फाइनल फेज में होने के साथ ही राहुल गांधी पार्टी के अध्यक्ष होंगे।
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गुजरात चुनाव में राहुल गांधी की सक्रियता को देखते हुए इस चुनाव ने ‘मोदी बनाम राहुल’ का रूप ले लिया है। कांग्रेस इसी रणनीति के तहत 2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी को पीएम कैंडिडेट के तौर पर पेश कर सकती है। वहीं सूत्रों का कहना है कि अपने पद से हटने के बाद सोनिया गांधी गैर एनडीए दलों के साथ समन्वय का काम देख सकती हैं।
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