हिसार

शहर में बढ़ते जा रहे है साइबर क्राइम, बैंक नहीं करता उपभोक्ता के मदद

हिसार,
शहर के आवासीय क्षेत्र और बाजारों में सरेआम अपराध की घटनाओं के साथ अब शहरवासी लगातार साइबर क्राइम के भी शिकार हो रहे हैं। आज सुबह पटेल नगर निवासी संजीव वत्स के बैंक खाते से 5 हजार रुपए की एनईएफटी हो गई। हैरत की बात हैकि इस सारी प्रक्रिया में उनके पास कोई ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) नंबर नहीं आया। इतना ही नहीं, उन्होंने यह राशि कहीं किसी भी खाते में ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के लिए रिक्वेस्ट नहीं की हुई थी।
उन्होंने इस बारे में अपने बैंक खाते वाली नागोरी गेट क्षेत्र स्थित स्टेट बैंक की शाखा के अधिकारी से मिलकर बात की तो उन्होंने भी शुरुआत में कोई सहयोग नहीं दिया। संजीव वत्स के साथ इस घटना का जैसे ही ह्यूमन यूनिटी मिशन (हम) संगठन को सूचना दी तो उन्होंने इंटरनेट के जरिए अधिकांश प्राथमिक जानकारी एकत्र कर संजीव वत्स तक पहुंचाई। संजीव वत्स को पता चला है कि उनके खाते से एनईएफटी करने वाले खाताधारक का बैंक खाता इलाहबाद में है। उन्होंने इलाहबाद स्थित उस बैंक शाखा के अधिकारी से फोन पर संपर्क कर खाता धारक की जानकारी जुटाई तो पता चला कि खाताधारक के खाते में हर रोज हजारों रुपए की आवक होती है और वे थोड़ी ही देर में यह राशि निकाल लेता है। आज भी इसी तरह हुआ। जब खाताधारक ने एनईएफटी के जरिए पैसा अपने खाते में डाला तो उसके थोड़ी ही देर बाद वह राशि निकाल ली गई। जीवन आधार नवंबर माह प्रतियोगिता.. प्ले ग्रुप से दसवीं तक विद्यार्थी और स्कूल दोनों जीतेंगे सैंकड़ों उपहार.. अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करे
बैंक अधिकारी से सहयोग नहीं मिलने पर बढ़ी परेशानी
संजीव वत्स के बैंक खाते से जैसे ही राशि निकली तो वे अपने अकाउंट वाले बैंक की शाखा में पहुंचे और उन्होंने बैंक प्रबंधक से बात की। वत्स से उनसे उस खाते के बारे में जानकारी जुटाने में सहयोग की अपील की, जिस खाते में उनके खाते से राशि ट्रांसफर हुई है। आरोप है कि उस बैंक प्रबंधक ने उन्हें कुछ भी जानकारी देने से स्पष्ट मना कर दिया। इसके पश्चात जब वत्स ने बैंक यूनियन के एक प्रभावी पदाधिकारी से संपर्क कर जानकारी जुटाई तो उन्हें बैंक अधिकारी से कुछ जानकारी दी, मगर तब तक ‘हम’ संगठन के सहयोग से वत्स को अधिकांश जरूरी जानकारी मिल चुकी थी। वत्स ने कहा कि वे इस मामले की शिकायत पुलिस में देंगे और आरोपी की पहचान करवाएंगे, ताकि और कोई इस साइबर क्राइम का शिकार न हो।
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