नई दिल्ली,
दिल्ली की एक अदालत ने कहा है कि महिला की सहमति के बिना कोई उसे छू नहीं सकता। साथ ही अदालत ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐय्याश और यौन-विकृति वाले पुरुषों द्वारा उनको परेशान करने का सिलसिला अब भी जारी है।
कोर्ट ने नौ साल की एक बच्ची का यौन उत्पीड़न करने के मामले में छवि राम नामक व्यक्ति को दोषी ठहराया और उसे पांच साल कैद की सजा सुनाते हुये यह टिप्पणी की। अडिशनल सेशन जज सीमा मैनी ने उत्तर प्रदेश निवासी छवि राम को पांच साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
जानकारी के मुताबिक, छवि राम ने उत्तरी दिल्ली के मुखर्जी नगर इलाके के एक भीड़ भरे बाजार में नाबालिग के साथ छेड़छाड़ की थी। यह घटना 25 सितंबर 2014 की है। छेड़छाड़ के दोषी छवि राम को सजा सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि महिला का शरीर उसका अपना होता है और उस पर सिर्फ उसी का अधिकार होता है।
कोर्ट ने कहा कि दूसरों को बिना महिला की इजाजत के उसे छूने की मनाही है, भले ही यह किसी भी उद्देश्य के लिये क्यों न हो। अपने फैसले में कोर्ट ने यह भी कहा कि ऐसा लगता है कि महिला की निजता के अधिकार को पुरुष नहीं मानते और वे अपनी हवस को शांत करने के लिए बेबस लड़कियों का यौन उत्पीड़न करने से पहले सोचते भी नहीं।
कोर्ट ने छेड़छाड़ के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि छवि राम एक यौन विकृत शख्स है जो किसी भी तरह की रियायत का हकदार नहीं है। अदालत ने दोषी छवि राम पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है, जिसमें से पांच हजार रुपये पीड़िता को दिए जायेंगे। इसके अलावा दिल्ली स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी को भी पीड़िता को 50,000 रुपये देने का आदेश दिया है।