कानपुर,
एक व्यापारी के घर से 100 करोड़ रुपये जब्त करने के बाद अब उत्तर प्रदेश पुलिस के सामने नई समस्या खड़ी हो गई है। बताया जा रहा है कि पुलिस को इतनी बड़ी रकम सुरक्षित रखने के लिए जगह नहीं मिल रही है।
500 और 1000 रुपये के पुराने नोट में जब्त की गई ये रकम गले-फटे न इसके लिए पुलिस ने इसे पांच 4×6 फीट के ट्रंक में पैक किया है। फिलहाल इन्हें कानपुर पुलिस लाइन में रखा गया है। पुलिस इस रकम को कहीं और रखने पर विचार कर रही है।
बता दें कि इन्हें गिनने के लिए पुलिस को 12 घंटे से ज्यादा का वक्त लगा था। साथ ही 80 लोगों ने 37 मशीनों के जरिये इनकी गिनती की थी। अब पुलिस दोबारा नोटों की गिनती के झंझट में नहीं पड़ना चाहती। इसीलिए इसे सुरक्षित रखा चाहती है।
बता दें कि एनआईए और ईडी से मिले सुराग के बाद कानपुर पुलिस ने पुराने नोटों का सबसे बड़ा जखीरा जब्त किया था। यह जखीरा कानपुर के व्यापारी आनंद खत्री के स्वरुप नगर स्थित घर पर मिला था। इस मामले में पुलिस ने 16 लोगों को अरेस्ट किया था।
नोटबंदी करीब 14 महीने बाद इतनी बड़ी रकम कहां से आई और इसे कहां खपाने की तैयारी थी, फिलहाल इसको लेकर पुलिस की कई टीम इन लोगो से पूछताछ कर रही है।
बताया जा रहा है कि पुलिस को पुराने नोटों के जखीरे के बारे में गुप्त सूचना मिली थी। जब अफसरों ने होटल गगन में छापा मारा तो उनकी आखें फटी रह गई। कई कमरों में बिस्तर की तरह नोटों के बंडलों को छिपा के रखा था।
483 करोड़ रुपये का जुर्माना!
इस मामले में आरोपी कानपुर के व्यापारी आनंद खत्री को 483 करोड़ रुपये का जुर्माना भरना पड़ सकता है। खत्री के खिलाफ आईपीसी की धारा और बैंक नोट्स (देयताओं का समाप्ति) अधिनियम 2017 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
इस नियम के मुताबिक, पुरानी करेंसी रखने पर जेल जाने के साथ बरामद रकम पर पांच गुना आयकर देना होता है। जमा न करने की स्थिति पर इसकी रिकवरी उनकी चल-अचल संपत्ति से किए जाने का प्रावधान है।
इस बारे में सेंट्रल इंडिया रीजनल काउंसिल ऑफ चार्टेड अकाउंटेंट के पूर्व चेयरमैन विवेक खन्ना ने मीडिया को बताया कि पुरानी करेंसी रखने पर फाइन के रूप में पांच गुना आयकर देना होता है। इस तरह देखा जाए तो खत्री के पास पकड़ाए 96.62 करोड़ रुपये के बदले उन्हें 483.1 करोड़ रुपये चुकाने पड़ सकते हैं।