फतेहाबाद (साहिल रुखाया)
रतिया में एक व्यक्ति को उसके प्रोपर्टी डीलर दोस्त ने विश्वासघात कर ऋणशुदा मकान दिलवा दिया और बाद में बैंक ने लोन चुकता न होने पर मकान को सील कर दिया। व्यक्ति ने आरोप लगाया कि इस जाल साजी के चलते उसे 11 लाख 70 हजार रुपये का नुकसान हुआ है। इसके बाद उसने अपने दोस्त, मकान बेचने वाले व्यक्ति के अलावा रतिया के नायब तहसीलदार, पटवारी व अर्जी नवीस पर भी जालसाजी का आरोप लगाया है।
पुलिस ने सभी के खिलाफ धारा 420, 406 के तहत मामला दर्ज किया है। शिकायत में रत्ताखेड़ा निवासी महेंद्र ने बताया कि उसने वर्ष 2014 में रतिया में शिफ्ट होने के लिए अपने प्रोपर्टी डीलर दोस्त राजेश से बात की। राजेश ने उसे नानक राम से 11 लाख रुपये 70 हजार रुपये एक मकान दिलवा दिया। शिकायतकर्ता के अनुसार यह राशि उसने अपनी डेढ़ एकड़ जमीन बेच कर जुटाई थी।
आरोप है कि जब मकान लिया गया तो उसे बताया गया कि मकान हर प्रकार के कर आदि मुक्त है और मकान की रजिस्ट्री नायब तहसीलदार करन सिंह व हलका पटवारी मदन लाल से मिलकर उसकी पत्नी के नाम करवा दी, मगर बाद में बैंक कर्मचारी उसके घर आए बताया कि मकान पर लाखों रुपये लोन बकाया है। उसने पता करवाया तो मालूम हुआ कि नानक चंद ने मकान पर 15 लाख का लोन लिया हुआ था, इसके बाद 2 जनवरी 2017 को बैंक ने उसका मकान सील कर दिया। शिकायतकर्ता का आरोप है कि रजिस्ट्री नाम करते समय पटवारी साथ गया था और नायब तहसीलदार व अर्जी नवीस ने यह बताया था कि मकान पर कोई कर बकाया नहीं है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।