मेरठ,
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा स्वयं सेवक समागम रविवार सुबह से मेरठ में शुरू हुआ। समागम में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि सृष्टि के रंग अलग-अलग हैं लेकिन रूप एक ही है। उन्होंने कहा कि हम वसुधैव कुटुम्बकम का मंत्र लेकर चलने वाले लोग हैं। कट्टर हिन्दुत्व का मतलब कट्टर सत्य और कट्टर धार्मिक व्यक्ति होना है।
हमने उसी मनुष्यता को धर्म कहा है कि जिसमें धनी व्यक्ति अपने धन का उपयोग दुर्बलों के दुख दूर करने में करता है।
उन्होंने कहा हमारे देश के सभी जातियों के और हजारों भाषा बोलने वाले लोगों का एक ही धर्म है। पूरी दुनिया को समय-समय पर धर्म देने वाला हमारा देश है। हम हिन्दू हैं इसलिए हम एक हैं। दुनिया मानती है कि एक होने के लिए एक—सा होना पड़ेगा। हमारा देश एक है, क्योंकि हमारे यहां वसुधैव कुटुम्बकम के मंत्र पर लोग चलते हैं। हम हिन्दू कट्टर होंगे तो अधिक विविधताओं को समाहित करेंगे। हमारे झगड़ों की आग पर पूरी दुनिया रोटी सेंकती है।
भागवत ने कहा कि भारत माता को अपनी माता मानने वाला हिन्दू है। हमारे देश में हिन्दू लोग हैं लेकिन वो जानते नहीं कि वो हिन्दू हैं। स्वयंसेवक 1 लाख 70 हजार से ज्यादा सेवा कार्य कर रहे हैं। जब कभी देश पर संकट आता है तो स्वयंसेवक वहां पहुंचते हैं और प्राणों की चिंता किए बगैर राष्ट्र के लिए अपना जीवन दांव पर लगा देते हैं। हम कार्यक्रम का आयोजन शक्ति प्रदर्शन करने के लिए नहीं करते, क्योंकि शक्ति होती है तो उसे दिखाने की जरूरत नहीं होती।
गौरतलब है कि इस समागम में 3 लाख स्वयंसेवकों के शामिल होने का दावा किया जा रहा है।
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