कोलकाता,
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को मुलाकात के बाद गैर-बीजेपी, गैर-कांग्रेसी फ्रंट बनाने की घोषणा की। इन दोनों नेताओं ने मुलाकात के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा कि देश के लिए तीसरा फ्रंट बनाने की जरूरत है और इसकी शुरुआत हो गई है।
ममता बनर्जी ने उम्मीद जताई कि इस कोशिश में दूसरे दल भी उनके साथ आएंगे। उन्होंने कहा कि जल्द ही दूसरे दलों से भी तीसरे फ्रंट में शामिल होने के लिए बात की जाएगी। ममता ने यह भी कहा कि अगर राज्य मजबूत और विकसित होंगे तभी देश विकसित और मजबूत हो सकता है।
संयुक्त नेतृत्व में होगा फ्रंट
ममता ने कहा कि यह नई शुरुआत है। उन्होंने कहा कि राजनीति एक सतत चलने वाली प्रकिया है। ममता से सवाल पूछा गया कि दोनों नेताओं के बीच में क्या बातें हुईं तो उन्होंने कहा कि देश के विकास को लेकर बातें हुई। ममता बनर्जी ने कहा, ‘राजनीति आपको ऐसी स्थितियों में डाल देती हैं, जहां आपको अलग-अलग लोगों के साथ मिलकर काम करना होता है। मैं राजनीति में और काम करने में भरोसा करती हूं।’ वहीं, के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने कहा कि तीसरा फ्रंट संयुक्त नेतृत्व में होगा।
न कांग्रेस, न बीजेपी
केसीआर ने पत्रकारों के इस सवाल पर- ‘अगर कांग्रेस आपको बाहर से समर्थन देगी तो आप क्या करेंगे’, कहा- ‘आप आम राजनीतिक मॉडल की तरह सोच रहे हैं। हम वैकल्पिक राजनीतिक मॉडल देने की कोशिश कर रहे हैं। राव ने यह भी कहा कि कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टियों का नेतृत्व देश के लिए उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि वह असल में संघीय गठबंधन पेश करने की योजना बना रहे हैं। राव ने कहा कि लोग उनके साथ जुड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस फ्रंट में शामिल करने के लिए दूसरे दलों के नेताओं से भी बात और मुलाकात की जाएगी।
ममता की तारीफों के पुल बांधे
राव ने कहा, ‘लोगों को भी लग रहा है कि 2019 से पहले एक फ्रंट सामने आएगा। मैं बता दूं कि यह आम लोगों का फ्रंट होगा। यह केवल राजनीतिक दलों का गठबंधन नहीं होगा, इसमें लोग भी शामिल होंगे।’ तेलंगाना के सीएम ने पश्चिम बंगाल की सीएम की तारीफ भी की। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी सांसद और मंत्री रह चुकी हैं, वह राज्य की सीएम भी रह चुकी हैं। उनका अुनभव काफी ज्यादा है। वह काफी वरिष्ठ नेता हैं। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी से मिलने के लिए तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) प्रमुख केसीआर कोलकाता पहुंचे थे।
इसलिए अहम है ये मुलाकात
दोनों नेताओं की इस मुलाकात का राजनीतिक महत्व है। क्योंकि राव ने हाल ही में 2019 के आम चुनाव के लिए बीजेपी और कांग्रेस के खिलाफ ‘तीसरा मोर्चा’ बनाने का सुझाव दिया था। वहीं, ममता बनर्जी बीजेपी नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के खिलाफ विपक्षी पार्टियों को एक साथ लाने में सहायक भूमिका भी निभा रही हैं। ममता को राज्य में बीजेपी से चुनौती मिल रही है, वह कह चुकी हैं कि अगर बीजेपी ने राज्य (पश्चिम बंगाल) में नजरें डालने की कोशिश की तो वह बीजेपी से केंद्र की सत्ता छीन लेगी। वह खुद भी तीसरे मोर्चे की आवाज उठा चुकी हैं।
यूपी में भी सपा-बसपा आए थे साथ
समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने हाल ही में यूपी में दो लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनावों में हाथ मिलाया था। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा भी है कि बीजेपी को हराने में क्षेत्रीय दल ही सक्षम हैं। हालांकि, सपा या बसपा ने 2019 के आम चुनावों के लिए अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं।
कांग्रेस भी कर रही है पहल
कांग्रेस ने भी कुछ ही दिनों पहले बीजेपी के खिलाफ संयुक्त विपक्ष को एक मंच पर लाने की पहल की थी। यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने अपने आवास पर कांग्रेस समेत 20 राजनीतिक दलों के नेताओं को डिनर पर आमंत्रित किया था। इसमें कांग्रेस के बड़े नेताओं समेत वाम दल और एनडीए के नाराज सहयोगी भी शामिल थे।