आदमपुर (अग्रवाल)
ढाणी सीसवाल में ड्रग विभाग की टीम ने सील मेडिकल हॉल को खोला तो करीब 90 फीसदी दवाइयां गायब थी। ऐसे में सीलिंग के वक्त वीडियोग्राफी देखी तो हर रैक में दवाइयों के डिब्बे थे। ऐसे में टीम ने सर्च अभियान चलाया तो देखा कि पिछली तरफ से दीवार में करीब तीन से चार फुट चौड़ा छेद किया गया था। यहां से दवाइयां निकाल ली। इसके बाद पुलिस को शिकायत देकर स्टोर संचालक के खिलाफ चोरी, सबूत खुर्द-बुर्द करने सहित विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज करवा दिया है।
ध्यान रहे, 29 अगस्त 2017 में मेडिकल स्टोर को सील किया गया था। वरिष्ठ औषधी नियंत्रक अधिकारी हरियाणा के आदेश पर एक टीम का गठन करके ढ़ाणी सीसवाल स्थित मेडिकल पर छापामारी करने के लिए भेजा गया था। टीम में वरिष्ठ औषधी नियंत्रक अधिकारी रमन श्योराण, औषधी नियंत्रक अधिकारी कृष्ण गर्ग व सुरेश चौधरी को शामिल किया गया था। टीम के सदस्य आदमपुर थाने से एसआई सुरजमल को लेकर गांव में पहुंची और सरपंच को बुलाकर मेडिकल स्टोर संचालक को आगामी जांच में शामिल होने के लिए बुलाया था। लेकिन वह मौके पर नहीं आया। इसके चलते मेडिकल स्टोर की सील खोलकर जांच की तो पाया कि स्टोर संचालक पहले ही पीछे की दीवार तोड़कर अधिकतर दवाइयां निकाल कर ले गया। तब पुलिस को शिकायत देकर कार्रवाई के लिए कहा था लेकिन गौर नहीं किया। इसका फायदा उठाकर स्टोर संचालक ने दवाइयां निकाल ली।
पुलिस को दी शिकायत में औषधी नियंत्रक अधिकारी सुरेश चौधरी ने बताया कि गत वर्ष 29 अगस्त 2017 को एक शिकायत के आधार पर वरिष्ठ औषधी नियंत्रक अधिकारी रमन श्योराण, औषधी नियंत्रक अधिकारी कृष्ण गर्ग ने एएसआई इन्द्र सिंह के साथ मिलकर ढाणी सीसवाल के मेडिकल स्टोर पर रेड की थी। उस समय ढाणी सीसवाल निवासी रोहताश कुमार बिना ड्रग लाइसेंस के दवाइयों की अवैध बिक्री करता था। रेड के समय दुकान खुली थी और रोहताश दुकान में हाजिर था। बाद में मौका पाकर रोहताश मौके से फरार हो गया था। इस पर उन्होंने मौके पर गांव के सरपंच को सूचना दी। सूचना मिलने पर सरपंच ने अपने पुत्र कमलेश को प्रतिनिधि के तौर पर भेजा। रेड के दौरान टीम ने मेडिकल स्टोर संचालक के मौके पर न आने पर मेडिकल स्टोर की फोटो लेकर सील कर दिया था।
गुरुवार को एसडीसी हरियाणा के आदेश पर एक टीम का गठन किया। जिसके तहत रमन श्योराण, कृष्ण गर्ग, सुरेश चौधरी आदमपुर थाने से एसआई सुरजमल को लेकर मौके पर पहुंचे और वहां पर सरपंच जगदीश सैनी को बुलाकर मेडिकल संचालक रोहताश को जांच में शामिल होने का अनुरोध किया, लेकिन वह मौके पर हाजिर नहीं हुआ। बाद में मेडिकल स्टोर को खोला तो पाया कि स्टोर सील करते वक्त स्टोर में रखी अधिकतर दवाइयां गायब थी।