कोलकाता,
2019 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पश्चिम बंगाल की राजनीति गरमाई हुई है। रामनवमी के मौके पर भी सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी व उसके समर्थित संगठनों का शक्ति प्रदर्शन देखने को मिला। बीजेपी और हिंदू संगठनों ने जहां प्रतिबंध के बावजूद रामनवमी के दिन हथियारों के साथ जुलूस निकालकर एक नए तरह के हिंदुत्व को प्रदर्शित करने की कोशिश की, वहीं टीएमसी भी यह जताने की होड़ में दिखी कि वह हिंदुओं की कम हितैषी नहीं है।
मगर, हिंदू संगठनों ने बंगाल की सड़कों पर हथियारों के साथ जो जुलूस निकाला वो सूबे की मुख्यमंत्री को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज 24 परगना जिले में कहा कि यह बंगाल है और राम के नाम पर गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
आज शाम दिल्ली के लिए निकलने से पहले ममता ने कहा, ‘क्या भगवान राम ने पिस्टल और तलवार के साथ जुलूस निकालने के लिए कहा है? कुछ लोग भगवान राम का नाम बदनाम कर रहे हैं। क्या हमारे प्रशासन को ऐसी गुंडागर्दी के सामने घुटने टेक देने चाहिए? उन्होंने यह बात दक्षिण 24 परगना जिले में प्रशासनिक मीटिंग के दौरान कही।
यह बंगाल है..
ममता बनर्जी ने कहा कि कुछ शरारती तत्व हाथों में हथियार लेकर घूम रहे हैं, लेकिन उन्हें याद रहे यह बंगाल है और ये हमारी संस्कृति नहीं है। इससे आगे ममता ने कहा, ‘मैंने पुलिस को आदेश दिया है कि सभी उपद्रवियों को आर्म्स एक्ट के तहत पकड़ा जाए और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।’ ममता ने कहा कि जिसने कानून तोड़ा है, उसे बख्शा नहीं जाएगा।
बता दें कि 25 मार्च को रामनवमी के मौके पर बीजेपी, विश्व हिंदू परिषद, हिंदू जागरण मंच, बजरंग दल जैसे हिंदूवादी संगठनों ने राज्य भर में कई जुलूस निकाले और ज्यादातर में लोग हथियारों के साथ शामिल हुए। कड़ी सुरक्षा के बावजूद पुरुलिया में दो गुटों के बीच टकराव होने की खबर आई, जहां चार पुलिस कर्मी घायल हो गए।