हिसार

मंत्री व अधिकारी ने एक बार फिर थमाया आश्वासन का झुनझुना

आदमपुर (अग्रवाल)
विभिन्न मांगों को लेकर प्रदेश के राजकीय बहुतकनीकी संस्थानों में कार्यरत अतिथि अध्यापक और अनुदेशकों का एक प्रतिनिधिमंडल चंडीगढ़ में शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा और ए.सी.एस. ज्योति अरोड़ा से मिला। प्रतिनिधिमंडल में शामिल आल हरियाणा गवर्नमैंट पालिटैक्निक गेस्ट फैकल्टी एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष समुंद्र सिंह, महासचिव घनश्याम, सचिव विष्णु, कोषाध्यक्ष बलराज और प्रदेश प्रवक्ता मोहित जिंदल ने बताया कि सरकार की नीति के अनुसार स्कूलों व कालेजों में कार्यरत अतिथि अध्यापकों को शिक्षण कार्य के लिए घंटों के हिसाब से मेहनताना मिलता था, लेकिन सरकार ने इस नीति में बदलाव कर उन्हें 12 महीने काम और 12 महीने वेतन के हिसाब से नियुक्ति दे दी। इसके बावजूद पालीटैक्निक शिक्षण संस्थानों में कार्यरत अतिथि अध्यापकों व अनुदेशकों को अब भी घंटों के हिसाब से अध्यापन कार्य करने का वेतन दिया जा रहा है।
अतिथि अध्यापकों ने बताया कि शिक्षामंत्री ने हर बार की तरह इस बार भी आश्वासन दिया कि उनकी मांगों का निवारण जल्द किया जाएगा। शिक्षामंत्री के कहने पर जब अतिथि अध्यापक ए.सी.एस. ज्योति अरोड़ा से मिले तो उन्होंने पहले तो कहा कि काफी ऐसे गैस्ट है जिनकी ज्वाइनिंग सीधी हुई है लेकिन गैस्ट अध्यापकों का कहना था कि वे सही भर्ती के अनुरूप ही प्रक्रिया पूरी करके लगे है। उसके बाद ए.सी.एस. ने वर्कलोड कम होने का हवाला देते हुए कहा कि 12 माह वेतन देना संभव नही है। अगर वर्कलोड बढ़ा दिया जाता है तो आधे अतिथि अध्यापकों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा। गैस्टों का कहना था कि वो सैंक्शन पोस्ट पर कार्यरत है और ए.आई.सी.टी. नियमों के तहत उनका वर्कलोड तय है। जिसके बाद ए.सी.एस. ने अगले सप्ताह मिलने की बात कहते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया।
अतिथि अध्यापकों व अनुदेशकों का कहना है कि उनको फुटबाल की तरह यूज किया जा रहा है। वे कभी नेताओं के यहां चक्कर लगाते है तो कभी अधिकारियों से मिलने जाते है। सरकार की नीति का हवाला देते हुए हामी तो दोनों भर रहे है लेकिन उनके हाथ अब भी खाली है। घंटों के हिसाब से वेतनमान देने की नीति के अनुसार अब वे अप्रैल माह से करीब 3 माह तक घर बैठ जाएंगे।

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