अलवर,
जिले के टपूकड़ा में जहरीली गैस से भरे टैंक में चार लोगों की मौत हो गई तथा फैक्ट्री मालिक बेहोश हो गया। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहरीली गैस से अनजान मजदूर अपने साथियों को बचाने के लिए एक-एक कर टैंक में उतरते रहे और मौत के मुंह में समाते रहे। सबसे आखिर में उतरे फैक्ट्री मालिक व ठेकेदार को बेहोशी की हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
जानकारी के मुताबिक, औद्योगिक क्षेत्र खुशखेडा स्थित गत्ता बनाने वाले श्री कृष्ण इंटरप्राइजेज में कुछ मजदूर काम कर रहे थे। गत्ता बनाने की प्रक्रिया एक टैंक में होती है। इसमें बॉयलर लगा रहता है जो घूमता रहता है और इस प्रक्रिया से लुगदी बन जाती है। सुबह टैंक में लगे बॉयलर में खराबी आ गई। एक मजदूर मशीन को ठीक करने उतरा तो वह बेहोश हो गया। उसकी चीख निकल गई।
उसकी चीख सुनकर दूसरा मजदूर उसे बचाने आया। टैंक में उतरते ही वह भी बेहोश हो गया और पानी में चला गया। ऐसा करते हुए चार मजदूर टैंक में उतर गए और सभी बेहोश हो गए।
पास में खड़े फैक्ट्री मालिक बिजेंद्र सिंह व ठेकेदार कमलेश भी उन्हें बचाने उतर गए। वे भी बेहोश हो गए। इससे वहां हड़कंप मच गया। मजदूरों ने हल्ला मचाया तथा पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने वहां पहुंचकर मजदूरों की सहायता से सभी को अस्पताल पहुंचाया जहां डाक्टरों ने चारों मजदूरों को मृत घोषित कर दिया। वहीं बिजेंद्र सिंह व कमलेश को भर्ती कर लिया। हादसे में राजू, विकास, राममूर्ति व लखन की मौत हुई है।
हादसे के समय टैंक में करीब चार फीट पानी था। टैंक में गैस बन गई थी और इसका मजदूरों को अंदेशा नहीं था। वे एक दूसरे को बचाने के लिए टैंक में उतरते गए और सभी की मौत हो गई। टैंक जिसमें लुगदी बनाई जाती है वह 15 फीट गहरा है। उसमें करीब 13 फीट तक पानी भरा रहता है, लेकिन हादसे के समय चार फीट पानी ही था। मजदूर बेहोश कर उसमें डूब गए और इससे उनकी दम घुटने से मौत हो गई।
सवाल यह है कि टैंक में गैस क्या मशीन खराब होने से बनी? बॉयलर घूमता रहता है तो गत्ता बनाने की प्रक्रिया चलती रहती है, लेकिन बदं होने से उसमें लुगदी का पानी ठहर गया और गैस फॉर्मेशन हो गई।