राजस्थान हरियाणा हिसार

फिलहाल सही ढंग से आगे बढ़ रहा मॉनसून, प्रदेश में व्यापक बारिश की संभावना

दो दिन बाद प्रदेश में कमजोर हो जाएगी मॉनसूनी हवाएं, किसानों को किया टिड्डी के प्रति सतर्क

हिसार, (राजेश्वर बैनीवाल)।
दो दिन पहले दक्षिण—पश्चिमी मॉनसून एक सप्ताह के अंतराल बाद अनुकूल परिस्थितियों के कारण आगे बढ़ना शुरू हुआ जिसके चलते यह बुधवार को मॉनसून की उत्तरी सीमा अक्षांश 27 डिग्री उत्तर व देशांतर 68 डिग्री पूर्व से अक्षांश 33 डिग्री उत्तर व देशांतर 74 डिग्री पूर्व के मध्य राजस्थान के जैसलमेर, पाली, सवाईमाधोपुर, मैनपुरी, बिजनोर, पठानकोट तक पहुंची है। इसके चलते बुधवार को दक्षिण पश्चिमी मॉनसून ने गुजरात, मध्यप्रदेश, दक्षिण पूर्व राजस्थान, उत्तर प्रदेश के अधिकतर भागों में, चंडीगढ़, उत्तरी पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड व जम्मू कश्मीर तक बारिश करता हुआ आगे बढ़ा। इन्हीं मॉनसूनी हवाओं के कारण बुधवार को उतरी हरियाणा के कई जिलों यमुनानगर, अम्बाला, पंचकूला, चंडीगढ, करनाल, कुरुक्षेत्र में भी बारिश दर्ज हुई।
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. मदन खिचड़ के अनुसार बुधवार देर रात्रि से मौसम में बदलाव शुरू हो जाएगा। इसके चलते 25 व 26 जून को हरियाणा के उत्तर व दक्षिण भागों में मॉनसूनी हवायों से गरज-चमक व हवाओं के साथ व्यापक बारिश होने, परन्तु पश्चिमी हरियाणा में कहीं—कहीं हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। उन्होंने बताया कि 26 जून के बाद मॉनसूनी टर्फ रेखा हिमालय की तलह​टियों व उत्तर पूर्व की तरफ बढ़ने की संभावना को देखते हुए 26 जून के बाद हरियाणा राज्य में मॉनसूनी हवाएं कमजोर हो जाने की संभावना है जिससे राज्य में 27 जून से 29 जून के बीच मौसम आमतौर पर परिवर्तनशील व आंशिक बादल तथा उतरी हरियाणा में कुछेक स्थानों पर छिटपुट बूंदाबांदी संभावित है। इस दौरान राज्य में तापमान सामान्य या इसके आसपास ही रहने की संभावना है।
बदलते मौसम को देखते हुए किसानों को सलाह दी गई है कि अगले दो दिनों में बारिश की संभावना को देखते हुए धान की रोपाई जारी रखे, जिन क्षेत्रों में आगामी दो दिनों में अच्छी बारिश होने पर या उचित नमी होने पर खेत तैयार कर उत्तम किस्मों के बीजों से बाजरा ग्वार आदि की बिजाई मौसम साफ होने पर करें, नरमा कपास में बारिश का पानी ज्यादा देर तक खड़ा न रहने दे तथा मॉनसून सीजन को देखते हुए नरमा कपास के खेतों में जलनिकासी का प्रबंध अवश्य करें, कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार हवा में बदलाव की संभावना को देखते हुए राजस्थान के आसपास के जिलों के किसान भाई टिड्डी दल के प्रति सजग रहें तथा खेतों में लगातार निगरानी रखे। यदि खेत में कहीं भी टिड्डी दिखाई दे तो तुरंत नजदीक के कृषि अधिकारी व कृषि विज्ञान केंद्र/ विश्विद्यालय के किटविज्ञान विभाग के वैज्ञानिकों को सूचित करें।

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