हिसार

भजनलाल का समर्थक रहे गांव के दर्जनभर से अधिक घरों को 30 सालों से नहीं मिली बिजली

साहिल रुखाया की विशेष रिपोर्ट

हिसार,
हिसार जिले की असरावां ग्राम पंचायत के अधीन करीब डेढ़ दर्जन घरों में पिछले करीब 30 सालों से बिजली कनेक्शन नहीं हो पाए हैं। हैरानी वाली बात ये भी है कि बिना बिजली के जिंदगी गुजर-बसर कर ये परिवार उन विधानसभा क्षेत्र से संबन्ध रखते हैं जहां से सूबे के वित्त मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक चुनकर आये थे। बिजली कनेक्शन की कोशिशों में असफलता मिलने के पीछे एक बड़ी चौंकाने वाली कहानी इन परिवारों ने ये भी बताई कि उनके घरों में बिजली कनेक्शन लगाने के लिए 2011-2012 में तत्कालीन सांसद के कोटे से 5 लाख रुपये मंजूर हुए, लेकिन फिर भी उन्हें बिजली नसीब नहीं हो पाई।

गांव के ब्लॉक समिति सदस्य सुभाष बताते हैं कि बिना बिजली वाले ये घर जिस ग्राम पंचायत असरावां के अंतर्गत आते हैं वह पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल और विधायक कुलदीप बिश्नोई का इलाका माना जाता है। इसी कारण अब तक ये उपेक्षा का कारण बन रहे हैं।

उधर बिजली निगम की अग्रोहा ब्रान्च के इंचार्ज जेई कुलदीप सिंह कहते हैं कि अगर एमपी लेंड (सासंद कोटे) से पैसा आया होता तो कनेक्शन जरूर किये जाते, लेकिन असल बात ये है कि सांसद कोटे से पैसा आया ही नहीं।

जेई कुलदीप सिंह कहते हैं कि उनके यहां जितना भी पैसा किसी भी फंड से रिलीज हुआ है, उस पैसे से जुड़े सभी कार्य पूरे किए गए है। अगर अब भी कहीं कनेक्शन रह गया है तो वे विभाग की तरफ से प्रयास करेंगे कि गांव के नजदीक के इन घरों को ढाणियों के लिए लागू योजना के तहत बिजली कनेक्शन दिए जाएं। उन्होंने कहा कि बिजली निगम की ओर से गांव में इन घरों का निरीक्षण किया जायेगा। उन्होंने कहा कोशिश की जाएगी कि इन घरों में जल्द से जल्द बिजली कनेक्शन हो पाएं।

असरावां में बिना बिजली के अपने मकान में रह रहे 70 वर्षीय रामेश्वर कहते हैं कि आसमान में चमकती बिजली उन्होंने जरूर देखी है लेकिन अपने घर मे कभी सप्लाई होने वाली बिजली वे अब तक नहीं देख पाए हैं। रामेश्वर कहते हैं कि आज जिस घर मे वह रह रहे हैं उसे बनाये हुए 30 साल हो चुके हैं लेकिन बिजली नहीं मिली है। रामेश्वर कहते हैं कि चुनाव के समय हर कोई उनके घर आता है और वोट लेकर चुनाव जीतने तक 1 महीने में बिजली लगाने का दावा करता लेकिन कोई भी नेता अपना वादा पूरा नहीं कर सका है।

वहीं रामेशवर के पड़ोसी बजरंग कहते हैं कि 30 साल से वे अपने घर मे बिजली नहीं देख पाए हैं। हां, जब भजनलाल सांसद रहे तो एक बार इस रूप में बिजली कनेक्शन मिलने की आस जागी थी। उन्होंने एमपी कोटे से 5 लाख रुपये जारी किया था। लेकिन इस ग्रांट के तहत बिजली लगाने के लिए बिजली अधिकारियों ने रिश्वत की मांग की और वे पैसा नहीं दे पाए तो 5 लाख रुपये की यह ग्रांट वापिस चली गई। ऐसे में उनके बिजली कनेक्शन नहीं हो पाए। बिजली के बिना पानी का जुगाड़ नहीं हो पाता और इंजन चलाकर वे सिंचाई करते हैं, पीने का पानी भी कुंड से लेते हैं।

यहां बिना बिजली के घर मे 3 साल पहले ससुराल आई शीतल बताती हैं कि बिना बिजली के उनकी जिंदगी कैसे गुजर रही है ये सब उन्हें ही पता है। शीतल कहती हैं कि बिना बिजली के बच्चे रात को सो नहीं पाते। गर्मी में तो मच्छर और मक्खियों की भरमार होती है।

बिना बिजली के रात को खाना बनाने से लेकर चेन से सोना तक नसीब नहीं होता। शीतल कहती हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के हर गांव में कोने—कोने तक बिजली पहुंचाने का दावा किया है उनमें सच्चाई नहीं लगती । क्योंकि उनके घर में पिछले 30 सालों से बिजली नहीं है, हां अगर उनके घर बिजली आती है तो हम मानेंगे की प्रधानमंत्री मोदी ने कोई दवा करके पूरा किया।

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