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आदमपुर उपचुनाव बना रोचक, चक्रव्यूह रच रहे हैं जयप्रकाश—लेकिन भव्य बिश्नोई नहीं किसी भी तरीकें से कमजोर

आदमपुर,
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आदमपुर उपचुनाव में वोटिंग का समय जैसे—जैसे नजदीक आ रहा है, चुनाव रोचक बनता जा रहा है। एक सप्ताह पहले तक जहां आदमपुर उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी भव्य बिश्नोई काफी हैवी दिखाई दे रहे थे—वे अब कांग्रेस प्रत्याशी जयप्रकाश जेपी के चक्रव्यूह में फंसते हुए नजर आने लगे हैं। इस सप्ताह जयप्रकाश जेपी ने अपनी सक्रियता को काफी बढ़ा दिया है। ऐसे में एक विशेष समुदाय के लोगों ने खुलकर उनका साथ देना भी आरंभ कर दिया है। एक सप्ताह पहले जहां भव्य बिश्नोई की जीत 20 हजार प्लस पर अनुमानित थी, वही जीत अब घटकर 10/12 हजार के करीब आ गई है। ऐसे में कयास लगाए जाने लगे है कि जैसे चुनाव नजदीक आयेगा, कांग्रेस इस मार्जन को और कम करेगी।

दरअसल, आदमपुर उपचुनाव में भाजपा विरोधी, किसान संघर्ष समिति, मुआवजे से वंचित ग्रामीण, स्कूल बंद होने से खफा ग्रामीण और शहर में बदहाल सिवरेज—पानी—सड़क से परेशान लोग एक मंच पर आने लगे हैं। ये लोग पहले आम आदमी पार्टी प्रत्याशी सितेंद्र के पास जाते हुए दिखाई दे रहे थे लेकिन उनका चुनाव उम्मीद से कम उठ पाने के कारण ये सीधे तौर पर कांग्रेस के पाले में जाते दिखाई देने लगे हैं। आम आदमी पार्टी का स्थानीय संगठन कांग्रेस में शामिल होना सितेंद्र के लिए काफी नुकशानदायक साबित होता दिखाई देने लगा है। आम आदमी पार्टी के संगठन की कमजोरी को स्थानीय कांग्रेसी नेता भूपेंद्र कासनियां ने झट से भांप लिया और सीधे इसे दीपेंद्र हुड्डा और जयप्रकाश जेपी के माध्यम से कैच करवा लिया। ऐसे में आदमपुर उपचुनाव में जहां तिकोणे मुकाबले की उम्मीद की जा रही थी, वह अब सीधे तौर पर भाजपा बनाम कांग्रेस होता दिखाई दे रहा है।

भाजपा प्रत्याशी भव्य बिश्नोई के पक्ष में भाजपा के बड़े नेता अब तक केवल हिसार कार्यालय में प्रेसवर्ता तक ही सीमित है। सरकार के मंत्री और भाजपा के संगठन के पदाधिकारी हिसार कार्यालय में आते हैं और पत्रकारों से बातचीत करके औपचारिकता निभाकर चले जाते हैं। ऐसे में यह पूरा चुनाव चौ.भजनलाल के नाम पर ही चल रहा है। भाजपा के सहयोगी दल जेजेपी कहने को तो भव्य बिश्नोई के साथ है, लेकिन हकीकत काफी अलग है। जेजेपी के अधिकतर समर्थक अब खुलकर जयप्रकाश जेपी की सभा में दिखाई देने लगे है। इनका कहना है कि कुलदीप बिश्नोई के अहं के कारण उन्हें भाजपा प्रत्याशी के स्थान पर कांग्रेस के पक्ष में उतरना पड़ रहा है। कुलदीप बिश्नोई ने उनकी पार्टी के बड़े नेताओं की अनदेखी की है। इसका खमियाजा उनको इस चुनाव में भुगतना ही पड़ेगा। इसी प्रकार इनेलो द्वारा उतारे गए प्रत्याशी कुरड़ा राम नम्बरदार का चुनाव भी उम्मीद से कम ही उठ पा रहा है। वे केवल अपनी बेल्ट बालसम्बंध के गांवों तक ही सीमित होकर रह गए है।

आम आदमी पार्टी के नाराज कार्यकर्ता, जेजेपी के नाराज समर्थक, इनेलो के नाराज वोटर, भाजपा से नाराज तबका, सरकार से नाराज किसान और स्कूल बंद होने से नाराज ग्रामीण मिलकर कांग्रेस प्रत्याशी जयप्रकाश जेपी के पक्ष में जाते हुए दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में इस उपचुनाव में नाराज वोटर जहां कांग्रेस को मजबूती प्रदान कर रहे हैं, वहीं भाजपा के लिए बड़े संकट का संकेत दे रहे हैं। भाजपा के सबसे बड़ी राहत की बात यह है कि उनका प्रत्याशी भव्य बिश्नोई आदमपुर की चौधर की शान रहे चौधरी भजनलाल के पौते है। ऐसे में लोगों में उसके प्रति क्रेज और अपनात्व है। ऐसे में करीब 50 हजार वोट उनके नीजि तौर माने जा रहे हैं। वहीं प्रदेश में भाजपा की सत्ता होने के कारण 10/15 हजार वोट सरकार के नाम पर उनको मिलते हुए नजर आ रहे है। ऐसे में आदमपुर विधानसभा के उपचुनाव में यदि 1 लाख 20 हजार वोट पोल होते है तो उनकी जीत तय मानी जा सकती है। यदि वोट इससे अधिक पोल होते है तो यह उनके लिए खतरे की घंटी हो सकती है।

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Jeewan Aadhar Editor Desk