आदमपुर
हरियाणा के आदमपुर विधानसभा सीट पर मतदान सुबह 7 बजे से शुरू हो गया है। मतदाता सुबह ही बूथों पर लाइन में लग गए हैं। आदमपुर में सबसे पहले चौधरी भजनलाल की धर्मपत्नी जसमा देवी ने अपना वोट डाला। इसके बाद कुलदीप बिश्नोई, रेणुका बिश्नोई, भव्य बिश्नोई और उनके परिवार के सदस्यों ने वोट डाला। वोट डालने के लिए पूरा परिवार सुबह पौने सात बजे ही मतदान केंद्र में पहुंच गया। इसके बाद कुलदीप बिश्नोई परिवार सहित सीधे पोलिंग बूथ पर पहुंचे और 7 बजने का इंतजार करते हुए नजर आए। सही सात बजे वे परिवार सहित पोलिंग बूथ में दाखिल हुए। परिवार के सभी सदस्य वोटिंग कार्ड व अन्य दस्तावेज लेकर इंतजार करते नजर आए। सबसे पहले कुलदीप बिश्नोई की माता जसमा देवी ने अपने दस्तावेज पोलिंग एजेंट के सामने पेश किए। सभी औपचारिकताओं के बाद उन्होंने वोट डाला। इसके बाद कुलदीप बिश्नोई ने अपना वोट डाला। कुलदीप बिश्नोई के बाद रेणुका बिश्नोई और भव्य बिश्नोई ने अपना वोट डाला।
पूरे परिवार वोट डालने के बाद पत्रकारों से रुबरु हुआ। यहां कुलदीप बिश्नोई ने भव्य बिश्नोई की बड़ी जीत का दावा करते हुए कहा कि आदमपुर में इस बार पहले की तुलना में ज्यादा मतदान होगा। वहीं भव्य बिश्नोई ने दावा किया कि वे चुनाव जीत चुके हैं, आदमपुर की जनता का स्नेह, प्यार और आशीर्वाद सदा की तरह इस बार भी उनके परिवार पर है। इसके बाद सभी सदस्य विधानसभा क्षेत्र के अलग—अलग बूथों के लिए निकल गए।
आदमपुर में 180 बूथों पर सुबह 7 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक मतदान होगा। इन बूथों में 36 संवेदनशील और 39 अति संवेदनशील बूथ है। आदमपुर उपचुनाव में 1 लाख 71 हजार 473 मतदाता है, जिनमें से 91 हजार 805 पुरुष तथा 79 हजार 668 महिला मतदाता है। उपचुनाव की मतगणना 6 नवंबर को होगी। मतगणना के लिए 14 टेबल लगाई जाएगी और 13 राउंड में मतों की गणना की जाएगी।
ध्यान रहें, इस उप चुनाव में मुख्य राजनीतिक दल भाजपा, कांग्रेस, इनेलो और आम आदमी पार्टी है। हालांकि मुख्य मुकाबला भाजपा के भव्य बिश्नोई और कांग्रेस के जयप्रकाश के बीच माना जा रहा है। भव्य बिश्नोई के आगे जहां परिवार का गढ़ बचाने की चुनौती है। वहीं जयप्रकाश के बहाने दिग्गज कांग्रेसी भूपेंद्र सिंह हुड्डा की साख दांव पर लगी है। आम आदमी पार्टी ने भाजपा छोड़कर आए सतेंद्र सिंह पर दांव खेला है। वहीं इनेलो ने कांग्रेस छोड़कर आए कुरडाराम नंबरदार को उम्मीदवार बनाया है।
हरियाणा में CM मनोहर लाल खट्टर के आगे उपचुनाव का यह चौथा चैलेंज है। उनकी 8 साल की सरकार में वह 3 उपचुनाव हार चुके हैं। इस बार वह भजनलाल के परिवार के सहारे जीत की उम्मीद में हैं। हरियाणा में CM मनोहर लाल खट्टर के आगे उपचुनाव का यह चौथा चैलेंज है। उनकी 8 साल की सरकार में वह 3 उपचुनाव हार चुके हैं। इस बार वह चौधरी भजनलाल के परिवार के सहारे जीत की उम्मीद में हैं। भाजपा के भव्य बिश्नोई पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी भजनलाल के पोते हैं। इससे पहले वह कांग्रेस से 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। जिसमें वह हार गए थे। वहीं कांग्रेस के जयप्रकाश तीन बार हिसार से सांसद और एक बार केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। वह 2014 में कैथल के कलायत से निर्दलीय विधायक भी बन चुके हैं।
बता दें, कुलदीप बिश्नोई वर्ष 2019 में इसी सीट से विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की टिकट से जीतकर आए थे। वे पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के पुत्र है। हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ तालमेल न बैठने पर इस्तीफा दे दिया। 9 अप्रैल 2022 को सैलजा के इस्तीफे के बाद कुलदीप बिश्नोई अध्यक्ष पद के दावेदार थे। हालांकि हुड्डा की चली और उदयभान अध्यक्ष बन गए। जिस वजह से कुलदीप ने कांग्रेस छोड़ दी। फिर वह भाजपा में शामिल हो गए और यहां के विधायक पद से इस्तीफा दे दिया।
कांग्रेस के लिहाज से यह उपचुनाव पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा और उनके सांसद बेटे दीपेंद्र हुड्डा के लिए बड़ी चुनौती है। इस चुनाव को जीतकर हुड्डा 2024 के विधानसभा चुनाव में खुद को CM चेहरा बनाने के दावे को पक्का करना चाहते हैं।
लेकिन आदमपुर विधानसभा से अब तक पूर्व सीएम भजन लाल का परिवार ही जीतता रहा है। इसी सीट पर अब चौधरी भजनलाल की तीसरी पीढ़ी के रूप में भव्य बिश्नोई चुनावी मैदान में उतरने जा रहे हैं। वर्ष 1968, 1972, 1977 और 1982 में भजन लाल यहां से विधायक चुने गए।
1987 में चौधरी भजन लाल की पत्नी जसमा देवी ने चुनाव जीता। 1991 और 1996 में फिर चौधरी भजन लाल चुनाव जीते। 1998 में उप चुनाव हुए और कुलदीप बिश्नोई विधायक चुने गए। फिर 2000 और 2005 में चौधरी भजन लाल विधाक चुने गए। 2008 के उपचुनाव में भी भजनलाल ही जीते। 2009 के चुनाव में कुलदीप बिश्नोई की पत्नी रेणुका बिश्नोई चुनाव जीती। इसके बाद 2014 और 2019 में कुलदीप बिश्नोई चुनाव जीतकर विधायक बने।