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किसान आंदोलन में दरार, पंजाब में 4 दिन पहले ही हड़ताल खत्म करने का ऐलान

नई दिल्ली,
एक जून, शुक्रवार को देश के कई राज्यों के किसान संगठनों ने विभिन्न मांगों को लेकर 10 दिन का गांव बंद आंदोलन शुरू किया था। मध्य प्रदेश से शुरू हुआ यह आंदोलन राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में देखने को मिला। मध्य प्रदेश में चौथे दिन भी किसान हड़ताल पर रहे। यहां किसानों ने मंदसौर में पिछले साल 6 जून को प्रदर्शन के दौरान मारे गए किसानों की श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया है। इस सभा में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी शामिल होंगे। उधर, पंजाब के किसान संगठनों ने 6 जून को अपना आंदोलन समाप्त करने का ऐलान किया है।

‘गांव बंद’ आंदोलन के चौथे दिन मध्य प्रदेश के कई इलाकों में दूध और सब्जियों की आपूर्ति प्रभावित रही। वहीं कई स्थानों पर सब्जियों की बिक्री सुरक्षा बलों की मौजूदगी में हो रही है। मंदसौर में बीते वर्ष छह जून को किसान आंदोलन के दौरान पुलिस गोलीबारी में छह किसानों की मौत हो गई थी और एक की पुलिस पिटाई में मौत हुई थी। इस घटना के एक साल पूरे होने पर किसानों ने 10 दिवसीय गांव बंद आंदोलन का आयोजन किया है। इस आंदोलन में किसान गांव से सामान न तो शहर ले जा रहे हैं और न ही शहर से सामान खरीदकर गांव ला रहे हैं।

आम किसान यूनियन के प्रमुख केदार सिरोही ने दावा किया कि किसानों को इस आंदोलन का पूरा समर्थन मिल रहा है। बड़ी संख्या में किसान अपने गांव से बाहर नहीं निकल रहे हैं। सरकार किसी तरह पुलिस के जरिए दवाब बनाकर दूध और सब्जियां गांव से शहरों तक पहुंचाने की कोशिश में लगी है। उसके बाद भी किसान अपनी मांग पर अड़े हुए हैं।

पंजाब में खत्म होगा आंदोलन
उधर, किसानों की हड़ताल पंजाब में भी जारी है, लेकिन यहां के किसान संगठनों ने 6 जून को अपनी हड़ताल खत्म करने का ऐलान किया है। भारतीय किसान यूनियन के प्रमुख बीएस राजू ने सोमवार को मीडिया ने बताया कि किसानों का आंदोलन शांतिपूर्वक जारी है। किसानों ने कई स्थानों पर खुद ही फल-सब्जी बेचने के सैटअप तैयार किए हैं। किसान अपने उत्पाद को मंडी नहीं ले जा रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन ने 6 जून को अपना आंदोलन खत्म करने का ऐलान किया है।

हरियाणा में नहीं कोई असर
हरियाणा में किसान आंदोलन का असर न के बराबर देखने को मिल रहा है। प्रदेश की सभी मंडियों में सब्जी और फल आ रहे है। कुछ स्थानों पर दूध को लेकर अवश्य दिक्कत आ रही है लेकिन उसकी पूर्ति भी शहर से होने लगी है। सब्जी और फल को लेकर प्रदेश में कहीं कोई परेशानी नहीं आई। यहां पर आंदोलन के कारण सब्जियों के भाव में भी कोई खास असर देखने को नहीं मिला।

यूपी में मिलाजुला असर
पंजाब के अलावा उत्तर प्रदेश में किसान आंदोलन का कम असर देखने को मिल रहा है। हापुड़ मंडी के व्यवसायी अमित गर्ग ने बताया कि मंडी में अनाज रोजाना की तरह ही आ रहा है। फल-सब्जियों का आवक भी लगातार बनी हुई है। उन्होंने बताया कि हापुड़ में हड़ताल का कोई असर नहीं है। यहां अनाज और फल-सब्जी मंडी में किसान रोजाना की तरह ही अपना उत्पाद लेकर आ रहे हैं। जबकि मेरठ में भारतीय किसान आंदोलन के कार्यकर्ताओं ने सड़क पर टमाटर फेंककर अपना विरोध जताया।

फल-सब्जियों के दामों में उछाल
जहां भी किसानों की इस हड़ताल का असर है, वहां फल-सब्जियों के दामों में उछाल देखा जा रहा है। दिल्ली के कुछ इलाकों में फलों के दाम ऊपर चढ़ गए हैं। महाराष्ट्र में भी मुंबई में फल-सब्जियों पर महंगाई देखने को मिली।

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