हिसार

अनुशासन उन्नति की प्रथम सीढ़ी है: राजेंद्र निरंकारी

आदमपुर,
ब्रह्मवेता सद्गुरु के सत्संग मेें सिर्फ प्रभु का गुणगान होता है सभी प्रभु भक्त जब मिलकर प्रभु की स्तुति करते है वो प्रार्थना अवश्य स्वीकार होती है। सत्संग में गुुरु भी मौजूद होता है ईश्वर भी मौजूद होता है, साध-संंगत भी ईश्वर का स्वरूप है।
भक्त कबीर को जब दूनिया छोडक़र आने का आदेश हुआ तो भक्त कबीर दास की आंखों में आंसू आ गए थे और कहा था जो सुख साध संगत में है वो बैकुंठ में भी नही है। यह प्रवचन दड़ौली रोड स्थित सत्संग भवन में आदमपुर निरंकारी मंडल के प्रमुख राजेंद्र मेहता ने श्रद्धालुओं के समक्ष व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि अनुशासन उन्नति की प्रथम सीढ़ी है। बिना अनुशासन के कोई भी परिवार संस्था अथवा राष्ट्र उन्नत्ति नही कर सकता। मंच संचालन करते हुए प्रेम नागपाल ने बताया कि गत दिवस आदमपुर से श्रद्धालुओं का एक दल राजेंद्र निरंकारी की देखरेख में सद्गुरु माता सविंद्र हरदेव महाराज से दर्शनार्थ मंसूरी में मिला और आशीर्वाद प्राप्त किया। श्रद्धालुओं ने उनकी दीर्घायु की कामना की। धर्मसभा में शकुंतला रेवड़ी, कमलेश ग्रोवर, सुनीता जाखड़, मीनू मेहता, निर्मला नागपाल, नेहा, कलावती, भावना, वंदना, सिलोचना के अलावा सेवादल संचालक विनोद जाखड़, कृष्णलाल, सौदागर सिंह, रामेश्वरलाल, बलदेव सिंह ने भक्तिपूर्ण गीत व विचार पेश किए।

Related posts

एडिशनल मंडी में चारदिवारी बनना व्यापार विरोधी मानसिकता—कुलदीप बिश्नोई

जिला में सरकारी स्कूल के छात्रों की कैरियर काउंसिलिंग हेतू ऑनलाइन वेबिनार आयोजित

Jeewan Aadhar Editor Desk

आदमपुर में 30 यूनिट रक्त एकत्रित