बिजनेस

4 साल सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंची थोक महंगाई

नई दिल्ली,
अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर जून का महीना कुछ बेहतर नहीं रहा। फैक्ट्री प्रोडक्शन घटने और खुदरा महंगाई दर में बढ़ोतरी के बाद थोक महंगाई दर में भी काफी ज्यादा बढ़त देखने को मिली है। पिछले महीने थोक महंगाई दर (WPI) 4 साल के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई है।

जून में डब्लूपीआई 5.77 फीसदी पर रही है। इससे पहले मई महीने में यह 4.43 फीसदी के स्तर पर बनी हुई थी। पिछले साल जून की बात करें, तो इस दौरान डब्लूपीआई 0.90 फीसदी के स्तर पर थी।

डब्लूपीआई के आंकड़े अनुमान से भी ज्यादा सामने आए हैं। अनुमान जताया जा रहा था कि जून में थोक महंगाई दर 4.93 फीसदी के आसपास रहेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इससे पहले मई महीने में भी थोक महंगाई दर 15 महीने के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई थी।

पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के चलते डब्लूपीआई में बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा खाद्यान्न और मैन्युफैक्चर्ड उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी को भी इसके लिए जिम्मेदार बताया जा रहा है।

वहीं, माह दर माह की बात करें तो थोक महंगाई 1.1 फीसदी की दर से बढ़ी है। जबकि मई में यह 0.9 फीसदी के स्तर पर थी। जून में प्राइमरी आर्ट‍िकल की महंगाई 2.0 फीसदी की दर से बढ़ी है। ईंधन और पावर बास्केट के लिए यह बढ़ोतरी 3.0 फीसदी रही है। वहीं, मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स के लिए यह 0.4 फीसदी रही है।

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