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प्राकृतिक तेल, गैस, बिजली व रियल एस्टेट हो जीएसटी में शामिल, बिस्कुट, नमकीन जैसी खाद्य सामग्री हो 5 फीसदी जीएसटी दायरे में शामिल—बजरंग दास गर्ग

नई दिल्‍ली,
अखिल भारतीय व्यापार मण्डल के राष्ट्रीय महासचिव व हरियाणा प्रदेश व्यापार मण्डल के प्रान्तीय अध्यक्ष बजरंग दास गर्ग ने कहा कि गुड्स एंड सर्विसेज टैक्‍स (जीएसटी) काउंसिल की 24वीं मीटिंग 18 जनवरी को होने जा रही है। इस मीटिंग में सरकार को आमजन की जरुरतों को देखते हुए कई स्लैब में सुधार करना चाहिए।

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पैट्रोल—डीजल हो जीएसटी में शामिल
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को महंगाई पर लगाम लगाने के लिए पैट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाना चाहिए। देश में महंगाई का मुख्य कारणों में से ट्रांस्पोर्ट व्यवस्था भी है। यह व्यवस्था पूरी तरह से पैट्रोल और डीजल के दाम पर निर्भर करती है। यदि पैट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाता है तो ट्रांसपोर्ट व्यवस्था अपने—आप सस्ती हो जायेगी। इससे आमजन को महंगाई से छुटकारा मिलेगा।
बिजली, रीयल एस्टेट और प्राकृतिक गैस को ले जीएसटी में
बजरंग दास गर्ग ने कहा कि प्राकृतिक गैस, बिजली, रीयल एस्टेट को भी जीएसटी के दायरे में लाया जाना चाहिए। बायोडीजल पर पहले महज 6 प्रतिशत एक्साइज लगता था, इसे वेट फ्री रखा गया था। लेकिन जीएसटी में सरकार ने इसे 18 प्रतिशत के स्लेब में रख दिया। केंद्र सरकार को इसे 18 प्रतिशत से हटाकर 5 प्रतिशत जीएसटी के दायरे में लाना चाहिए।
बिस्कुट पर हो 5 फीसदी जीएसटी
राष्ट्रीय महासचिव बजरंग दास गर्ग कहा कि बिस्कुट को केंद्र सरकार ने 18 फीसदी जीएसटी के दायरे में रखा है। इससे बिस्कुट उद्योग को काफी नुकसान हो रहा है। बिस्कुट आमजन के खाने में प्रयोग होता है। इसलिए सरकार को इसे 5 फीसदी जीएसटी के दायरे में रखना चाहिए। बिस्कुट उद्योग से किसानों और पशुपालकों को काफी लाभ होता है, क्योंकि यह पूरी तरह से कृषि उत्पादों जैसे गेहूँ, वनस्पति तेल, चीनी और दूध पर आधारित है। इसलिए आमजन और किसानों के हित को देखते हुए सरकार को तुरंत इस उद्योग को 5 फीसदी जीएसटी के दायरे में लाना चाहिए।

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नमकीन, टोमैटो कैचअप पर हो 5 फीसदी जीएसटी
इस प्रकार जूस, नमकीन, जेम-जेली, नूडल्स, पास्ता, टोमैटो कैचअप जैसे प्रोडक्‍ट्स पर 12 प्रतिशत जीएसटी है, ये सभी प्रोडक्ट्स सीधेतौर पर कृषि उत्पाद से जुड़े है और आमजन के खाने में प्रयोग होने वाली वस्तुएं है। ऐसे में सरकार को किसान व आमजन का हित देखते हुए इन्हें बिना देरी करते हुए 5 प्रतिशत जीएसटी के दायरे में रखना चाहिए।
28 फीसदी जीएसटी का स्लैब हो समाप्त
बजरंग दास गर्ग ने कहा कि सरकार को 28 फीसदी जीएसटी का स्लैब खत्म कर देना चाहिए। यदि सरकार ऐसा करती है तो महंगाई पर लगाम लगने के साथ—साथ देशभर में उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि जीएसटी की प्रक्रिया का भी सरलीकरण करना चाहिए ताकि व्यापारियों को अधिक दिक्कतों का सामना न करना पड़े।
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