राजस्थान

7 माह की बच्ची से रेप, 22 दिन में कोर्ट ने सुनाई सजा-ए-मौत

अलवर,
अलवर जिले के एक विशेष न्यायाधीश ने सात माह की एक बच्ची से दुष्कर्म के दोषी को मृत्युदंड की शनिवार को सजा सुनाई। अलवर जिले के विशेष न्यायाधीश (अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित-जनजाति अत्याचार निवारण प्रकरण) जगेंद्र अग्रवाल ने पॉक्सो एक्ट के तहत अलवर जिले के लक्ष्मणगढ़ क्षेत्र में एक बच्ची से दुष्कर्म करने के दोषी 19 वर्षीय पिंटू को मौत की सजा सुनाई है। इस मामले में घटना के सिर्फ 2 माह और 11 दिन बाद आरोपी को सजा सुना दी गई।
राजस्थान के पुलिस महानिदेशक ओपी गल्होत्रा ने बताया कि पॉक्सो एक्ट के तहत दोषी करार देने की यह प्रदेश में पहली कार्रवाई है। 12 वर्ष से कम आयु की बच्चियों से दुष्कर्म के मामले में कठोर सजा देने के लिए 21 अप्रैल को यह दंड विधि संशोधन अस्तित्व में आया था। पुलिस महानिरीक्षक (जयपुर रेंज) हेमंत प्रियदर्शी ने बताया कि अलवर के लक्ष्मणगढ़ थाना क्षेत्र में गत 9 मई को एक सात महीने की मासूम के साथ आरोपी ने दुष्कर्म किया था। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ सिर्फ 27 दिन में 6 जून को पॉक्सो और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत चालान पेश कर दिया।

न्यायाधीश जगेंद्र अग्रवाल ने इस मामले में 12 पेशियां लगाते हुए 22 अदालती कार्य दिवसों में सुनवाई पूरी की। अंतिम बहस 17 जुलाई को सुनी और 18 जुलाई को आरोपी को मात्र 70 दिन में दोषी करार देकर निर्णय के लिए 21 जुलाई तय की थी। न्यायाधीश ने शुक्रवार को आरोपी को मौत की सजा सुना दी। लक्ष्मणगढ़ थानाधिकारी प्रहलाद राय ने बताया कि अदालत ने दोषी पिंटू को भारतीय दंड संहिता की धारा 363, 366 ए, 376 एबी और पॉक्सो का दोषी मानते हुए यह सजा सुनाई है।

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