रेवाड़ी,
टॉपर छात्रा से गैंगरेप की घटना ने सभी को सकते में ड़ाल रखा है। वहीं इस मामले में एक के बाद एक चौंकाने वाली बातें सामने आ रही हैं। गांव की चर्चाओं के अनुसार आरोपियों ने 19 वर्षीय लड़की को अगवा कर उसके साथ गैंगरेप किया और जब उसकी हालत बिगड़ती देखी तो उन्होंने घबराहट में डॉक्टर को भी कॉल कर बुलाया था।
चर्चाओं के मुताबिक, लड़की को नशे के इंजेक्शन देकर उसके साथ बर्बरतापूर्वक करीब दर्जनभर लोगों ने 8 घंटे तक रेप किया। हालांकि, एफआईआर में अभी सिर्फ तीन आरोपियों का नाम ही है। गांव की चर्चाओं में कहा जा रहा है कि डॉक्टरों ने उन लोगों से बताया था कि पीड़िता का ब्लड प्रेशर काफी कम हो चुका है यह सुनने के बाद तीनों ने पीड़िता को उठाकर 40 किलोमीटर दूर महेंदरगढ़ के कनीना बस स्टॉप पर छोड़ दिया। आरोपियों ने यहीं से सुबह पीड़िता को अगवा किया था। आरोपी मनीष ने यहां से पीड़िता के पिता को फोन कर बताया कि उसने उनकी बेटी को बस स्टॉप पर बेहोशी की हालत में देखा है।
जिन तीन आरोपियों पंकज, मनीष और निशू का एफआईआर में नाम है, ये सभी पीड़िता के गांव के ही रहने वाले हैं और पीड़िता और उसके परिवार को अच्छे से जानते थे। इसी बीच डॉक्टर ने स्थानीय लोगों को पीड़िता के साथ हुई घटना के बारे में बता दिया। बात धीरे-धीरे पीड़िता के घरवालों तक पहुंच गई। पुलिस सूत्रों के मुतबिक, शनिवार को डॉक्टर की पहचान हो गई है और उन्हें सुरक्षा महैया कराई गई है। उनका बयान इस केस में बेहद महत्वपूर्ण होगा।
मां ने तीखे शब्दों में की इंसाफ की मांग
इस बीच विक्टिम की मां ने तीखे शब्दों में इंसाफ की मांग की है। उन्होंने परिवार को दिए गए 2 लाख के मुआवजे का चेक लौटाते हुए कहा है कि उन्हें मुआवजे के पैसे नहीं, बल्कि इंसाफ चाहिए। परिवार को सीजेएम विवेक यादव ने शनिवार को चेक दिया था, जिसे मां ने लौटा दिया है। पीड़िता की मां ने बताया, ‘कल (शनिवार) कुछ अधिकारी मुझे मुआवजे का चेक देने आए थे। मैं आज उसे वापस कर रही हूं, क्योंकि हमें न्याय चाहिए, पैसे नहीं। सरकार मेरी बेटी की आबरू की कीमत लगा रही है। मेरी बेटी को बूचड़खाने में लाकर पटक दिया।’
इस मामले की जांच कर रही एसआईटी ने एक शख्स को हिरासत में लिया है। उससे पूछताछ की जा रही है। माना जा रहा है कि उसी के ट्यूबवेल के पास इस वारदात को अंजाम दिया गया।