जयपुर,
राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी के उम्मीदवारों की पहली सूची जारी होने के बाद पार्टी में बगावत के सुर तेज हो गए हैं। ऐसे में पहले से ही सत्ता विरोधी लहर झेल रहीं मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के सामने चुनाव के ठीक पहले पार्टी नेताओं की नाराजगी दूर करने की भी चुनौती खड़ी हो गई है।
बीजेपी को सबक सिखाने में जुटे बागी
रविवार रात बीजेपी उम्मीदवारों की पहली सूची जारी होने के बाद पार्टी में इस्तीफों की बाढ़- सी आ गई है, कई दिग्गज नेता इस लिस्ट में जगह बना पाने असफल रहे। राजस्थान सरकार में मंत्री और पांच बार से विधायक सुरेंद्र गोयल ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देते हुए चेतावनी दी है कि वे बीजेपी को बर्बाद कर देंगे। गोयल पाली जिले की जैतारण सीट से विधायक थे, उन्होंने कहा है कि वे जैतारण से निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे।
वहीं नागौर से विधायक हबीबुर्रहमान ने भी टिकट कटने से नाराज होकर पार्टी छोड़ दी है। हबीबुर्रहमान बीजेपी से पांच बार विधायक रह चुके हैं और माना जा रहा है कि वो कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। वहीं बीजेपी के पूर्व महासचिव कुलदीप धनकड़ ने भी उपेक्षित होने के कारण सोमवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। धनकड़ जयपुर ग्रामीण की विराट नगर सीट से अपना दावा ठोंक रहे थे। अब वो भी निर्दलीय चुनाव लड़ने की बात कह रहे हैं।
वहीं कोटा की रामगंज मंडी सीट से मौजूदा विधायक चंद्रकांता मेघवाल का टिकट काटकर इस बार संघ की पृष्ठभूमि से आने वाले मदन दिलावर को टिकट दिया गया है। चंद्रकांता मेघवाल ने भी निर्दलीय के रूप में मैदान में उतरने का ऐलान कर दिया है। इसी तरह सादड़ी से गौतम दक, डूंगरपुर से देवेंद्र कटारा, किशनगढ़ से भागीरथ चौधरी और सागवाड़ा से अनीता कटारा भी बगावती रुख अख्तियार किए हुए हैं।
दिग्गजों के नाम न होने से असमंजस की स्थिति
इसके अलावा जिन बड़े नेताओं के नाम पहली सूची में नहीं हैं उनमें जयपुर के मालवीय नगर से मौजूदा चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ, झोटवाड़ा से उद्योग मंत्री राजपाल सिंह शेखावत, परिवहन मंत्री यूनुस खान और चुरू की रतनगढ़ सीट से देवस्थान मंत्री राजकुमार रिणवां का नाम शामिल है। आशंका है कि ये सभी बीजेपी से किनारा कर सकते हैं।