राजस्थान

सलाखों के पीछे ही गुजरेगी आसाराम की बाकी जिंदगी, रेप केस में उम्रकैद

जोधपुर,
नाबालिग शिष्या से दुष्कर्म के मामले में आसाराम (80) को सजा सुना दी गई है। विशेष एससी-एसटी कोर्ट के जज मधुसूदन शर्मा ने बुधवार सुबह सेंट्रल जेल में कोर्ट लगाकर अपना फैसला सुनाया। जोधपुर की जेल में बंद आसाराम के दो सहयोगियों को भी दोषी ठहराया गया।


सजा का एलान करते हुए जज ने आसाराम को उम्रकैद की सजा सुनाई। शेष दो आरोपियों शिल्पी व शरतचंद्र को 20-20 साल की सजा मिली है। जबकि अन्य दो प्रकाश और शिव को रिहा कर दिया। आसाराम को रियायत देने से इनकार करते हुए जज मधुसूदन शर्मा ने कहा कि उनका अपराध घिनौना है और उन्हें मौत तक जेल में रहना होगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक फैसला सुनते ही आसाराम फूट-फूटकर रोने लगा और अपनी पगड़ी उतार दी। वह करीब 10 मिनट तक कुर्सी पर बैठा रहा। पॉक्सो एक्ट के तहत ये पहला बड़ा फैसला है।
अदालत ने पॉक्सो और एससी-एसटी ऐक्ट समेत 14 धाराओं में आसाराम को दोषी करार दिया। आसाराम के वकीलों ने सजा कम करवाने के लिए तमाम दलीलें दीं, लेकिन वह काम न आईं। एससी-एसटी कोर्ट के विशेष जज मधुसूदन शर्मा की अदालत में आसाराम के वकीलों ने कहा कि उनके मुवक्किल को कम से कम सजा दी जानी चाहिए, क्योंकि उनकी उम्र अधिक है।

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