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ग्लोबल वॉर्मिंग से बचने के लिए अमेरिका में खिसक रहे हैं पेड़

वॉशिंगटन
पूरी दुनिया जलवायु परिवर्तन के नतीजे को लेकर परेशान कर रहे हैं। जलवायु परिवर्तन इंसानों, जीवों और दुनिया की बाकी चीजों के साथ-साथ पेड़-पौधों पर क्या असर डालेगा, इसे जानने के लिए भी कई शोध हुए हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि ठंडे प्रदेशों में पैदा होने वाले पेड़-पौधे अगर ऊपर की ओर खिसकते हैं, तो वे खुद को बचा सकेंगे। इसका मतलब है कि शीत प्रदेशों में उगने वाले पौधे अगर कटिबंधीय प्रदेशों से उत्तर की ओर बढ़ें और ठंडे प्रदेशों का रुख करें, तो वे बच पाएंगे। हाल ही में हुए एक सर्वे में यह जानने की कोशिश की गई कि पिछले 3 दशकों के दौरान पेड़-पौधों की आबादी किधर की ओर स्थान परिवर्तन कर रही है। इसके नतीजे वैज्ञानिकों द्वारा निकाले गए परिणाम से बिल्कुल अलग हैं। पाया गया कि पौधों के खिसकने की प्रक्रिया शुरू तो हो गई है, लेकिन वे उत्तर की ओर नहीं, बल्कि पश्चिम की ओर बढ़ रहे हैं। आपको बता दें कि पौधों के खिसकने का मतलब यह नहीं है कि पेड़ एक जगह से चलकर दूसरी जगह चले जाते हैं। इसका मतलब यह है कि पौधों की आबादी एक समय के बाद अपनी जगह बदलने में सक्षम होती है। उस प्रजाति के पेड़ नई जगहों पर फैल जाते हैं और संभव है कि पुरानी जगह पर उनका जन्म लेना और फलना-फूलना पूरी तरह से खत्म हो जाए। ‘द अटलांटिक’ ने इस शोध के हवाले से अपनी एक खबर में बताया है कि सफेद ओक, शुगर मेपल्स और अमेरिकन हॉली प्रजाति सहित कई पौधे जो कि पूर्वी अमेरिका में आमतौर पर पाए जाते हैं, वे पश्चिम की ओर खिसक रहे हैं। यह प्रक्रिया 1980 के दशक से ही शुरू हो गई थी। जिन वृक्षों की प्रजातियों को इस शोध में शामिल किया गया, उनमें से आधी से ज्यादा प्रजातियां इसी अवधि के दौरान उत्तर की ओर बढ़ीं। यह अपनी तरह का पहला प्रयोग है जो कि यह दिखाता है कि जलवायु में हो रहे बदलावों का पूर्वी प्रदेश में स्थित जंगलों पर क्या असर पड़ रहा है। शोध के नतीजे बुधवार को साइंस अडवांसेज़ में प्रकाशित हुए हैं।

इस शोध के नतीजे हैरान करने वाले हैं। शुरुआती तौर पर इसका कोई तुक नहीं दिखता, लेकिन रिसर्च टीम एक अनुमान लगाकर आगे बढ़ रही है। जलवायु परिवर्तन के कारण पूरे पूर्वी अमेरिका में तापमान बढ़ा है और साथ ही बारिश पर भी इसका काफी असर पड़ा है। पिछली सदी के मुकाबले 1980 के दशक से उत्तर-पूर्वी हिस्सों में ज्यादा बारिश होने लगी है, वहीं दक्षिण-पूर्वी हिस्सों में बारिश कम हुई है। शोधकर्ताओं का कहना है कि अलग-अलग प्रजातियां जलवायु परिवर्तन पर अलग-अलग तरीके से प्रतिक्रिया कर रही हैं। चौड़े पत्ते वाले ज्यादातर पेड़ जहां नमी की तलाश में पश्चिम की ओर रुख कर रहे हैं, वहीं सदाबहार और कोणधारी वृक्ष उत्तर की ओर खिसक रहे हैं। शोधकर्ता वृक्षों की इन प्रतिक्रियाओं को बेहतर तरीके से समझने के लिए और रिसर्च कर रहे हैं।

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