नई दिल्ली,
पुलवामा आतंकी हमले के गुनाहगार और जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर को आज संयुक्त राष्ट्र ग्लोबल आतंकी घोषित कर सकता है। भारत पिछले लंबे समय से इस कोशिश में जुटा हुआ था, लेकिन चीन अपने वीटो पावर का इस्तेमाल कर टांग अड़ा रहा था। अब चीन भी इस पर राजी हो गया है और अपना वीटो पावर हटाने को तैयार है।
सूत्रों की मानें तो अमेरिका, यूके और फ्रांस की तरफ से संयुक्त रूप से प्रस्ताव पेश किया गया था, जिसके बाद चीन पर खासा दबाव था। भारत एक दशक से कोशिश कर रहा था कि मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित किया जाए। लेकिन, चीन चार बार अड़ंगा लगा चुका था। अब जब पुलवामा आतंकी हमला हुआ, तो भारत ने और भी दबाव बनाया।
दुनिया के दबाव में झुका चीन
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले के बाद से ही भारत ने मसूद अजहर पर बैन लगाने की कोशिशें तेज कर दी थी। इसको लेकर संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव भी लाया गया था। लेकिन चीन ने वीटो लगाकर इसे रोक दिया। जिसके बाद अमेरिका, फ्रांस और यूके ने भारत के प्रस्ताव को आगे बढ़ाया, और अब चीन को दबाव में आना ही पड़ा।
बता दें कि ये पहली बार होगा जब जम्मू-कश्मीर में किसी आतंकी हमले की वजह से एक आतंकी को ग्लोबल आतंकी घोषित किया जाएगा। इससे पहले हाफिज सईद को मुंबई हमले के बाद ग्लोबल आतंकी घोषित किया गया था। मसूद अजहर पर लगे इस बैन को भारत की कूटनीतिक जीत माना जा रहा है।
बता दें कि अब अगर मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित किया जाता है तो उसे कई बड़े प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है।
– दुनियाभर के देशों में मसूद अजहर की एंट्री पर बैन।
– मसूद अजहर किसी भी देश में आर्थिक गतिविधियां नहीं कर सकेगा।
– संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों को मसूद के बैंक अकाउंट्स और प्रॉपर्टी को फ्रीज करना पड़ेगा।
– मसूद अजहर से संबंधित व्यक्तियों या उसकी संस्थाओं को कोई मदद नहीं मिलेगी।
– पाकिस्तान को भी मसूद अजहर के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंध लगाने पड़ेंगे।
– बैन के बाद पाकिस्तान को मसूद अजहर के टेरर कैंप और उसके मदरसों को भी बंद करना पड़ेगा।