हिसार

भगवान परशुराम जन सेवा समिति के प्रयासों से नहीं पनपा जातीय भेदभाव

हिसार,
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के पूर्व सदस्य डा. हर्षमोहन भारद्वाज व पिछड़ा वर्ग समुदाय के बीच हुक्का विवाद खड़ा करने वाले नेताओं को दोनों पक्षों ने समझदारी दिखाते हुए करारा झटका दिया है। दोनों ही पक्षों ने इस विवाद को किसी के हित में न मानते हुए भाईचारा बनाये रखने पर बल दिया, जिसे सफलता मिली। भाईचारा कायम करने की दिशा में भगवान परशुराम जनसेवा समिति ने अहम भूमिका निभाई है।
जींद में हुई आस्था रैली में जाते समय बरवाला की ब्राह्मण धर्मशाला में हुए हुक्का विवाद के बाद पिछड़ा वर्ग के कुछ नेता सक्रिय हो गये थे। उनकी सक्रियता का कारण ये नहीं था कि कोई व्यक्ति अपमानित हुआ है, बल्कि कारण यह था कि सामने विधानसभा चुनाव आ रहे हैं और इस हुक्का विवाद की आड़ में वे अपना उल्लू सीधा कर सकते हैं। हालांकि ब्राह्मण समुदाय व पिछड़ा वर्ग के समझदार लोगों ने इस मामले को हवा देने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई लेकिन कुछ राजनीतिक स्वार्थी नेताओं ने इसकी आड़ लेने में कोई कमी नहीं छोड़ी। हालांकि कई ऐसे संगठन है जो आए दिन जातीय भेदभाव समाप्त करने का दावा करते हैं लेकिन इस मामले में वे संगठन भी आगे नहीं आए। एक मौके पर तो खुद डा. हर्षमोहन भारद्वाज भी अकेले पड़ते दिखाई दिये जबकि दूसरे पक्ष को न्याय दिलाने का राग अलापते हुए कुछ राजनीतिक लोग इस मामले को हवा देते नजर आए।
ऐसे में भगवान परशुराम जन सेवा समिति ने मामले पर तुरंत गौर किया और माना कि जातीय विवाद किसी के हित में नहीं है। समिति के संस्थापक योगेन्द्र शर्मा, संरक्षक एचके शर्मा एवं अन्य पदाधिकारियों ने भाईचारा बनाये रखने के लिए पिछड़ा वर्ग के प्रमुख गणमान्य व्यक्तियों से संपर्क साधा। कुछ ना नुकर के बाद समिति को अपने प्रयासों में सफलता भी मिली। समिति की तरफ से दर्शन कौशिक, दयानंद शर्मा, जयबीर बालक व अन्य ने मामले को राजनीतिक व जातीय रंग न देते हुए दूसरे पक्ष के गणमान्य व्यक्तियों से बातचीत की। दूसरे पक्ष की तरफ से ईश्वर मालवाल, भजनलाल सरपंच बहबलपुर, हरिसिंह राठी, जगदीश बुगाना, मनोहर, राजेश सरपंच प्रतिनिधि बाडो पट्टी, महेन्द्र गेदर ढंढूर, सोनू मिंगनीखेड़ा, राजपाल बुगाना व सुरेन्द्र जांगड़ा सहित दोनों पक्षों के गणमान्य व्यक्तियों ने माना कि समाज में आपसी भाईचारा जरूरी है। उन्होंने एकमत से दोनों पक्षों के गिले शिकवे दूर करवाए और भविष्य में प्रेम-प्यार व भाईचारे से रहने की सलाह दी। समय रहते भगवान परशुराम जन सेवा समिति ने पिछड़ा वर्ग समाज के गणमान्य व्यक्तियों से संपर्क साधकर राजनीतिक हित साधने वालों को जहां करारा झटका दिया वहीं समाज में भाईचारा बनाये रखने की मिसाल भी पेश की।

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