भारत सरकार वक्फ बोर्ड को रोकने में फेल
हिसार वक्फ बोर्ड के काले कानून के खिलाफ आज हिसार जिले के किरायेदारों ने नगर में प्रदर्शन करके वक्फ बोर्ड का पुतला फूंका। प्रदर्शन का नेतृत्व वक्फ लैण्ड होल्डर्स एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष घनश्याम गोयल व जिला अध्यक्ष राकेश चोपड़ा ने किया। प्रदर्शनकारी किरायेदार नागोरी गेट पर एकत्र हुए और हाथों में काले रंग की पट्टिकाएं लेकर नारेबाजी करते हुए बीकानेर चौक पर पहुंचे। यहां पहुंचकर वक्फ बोर्ड का पुतला जलाया गया। किरायेदारों को संबोधित करते हुए एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष घनश्याम गोयल ने कहा कि पिछले पांच वर्षों से वक्फ बोर्ड की ज्यादती, मनमानी, दादागिरी से परेशान पूरे भारत वर्ष के वक्फ बोर्ड का किरायेदार अब अंतत: यह कहने को मजबूर है कि भारत सरकार ने भी वक्फ बोर्ड की भ्रष्टता के आगे घुटने टेक दिए हैं। गोयल ने आगे कहा कि हरियाणा व केंद्र सरकार ने वक्फ एक्ट 2013-14 जो कि काला कानून है, से छुटकारा दिलाने का तथा इसे लागू न करने का भरोसा दिलाया था। केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री मुख्त्यार अब्बास नकवी से करीब 20 मुलाकातें व उनके द्वारा मीडिया में दिये बयान कि ये कानून सरासर गलत है, इसे लागू नहीं होने दिया जाएगा, सब निराधार साबित हो रहा है। मार्च 2018 में गठित पूर्व जस्टिस जकीउलाखान की कमेटी का भी अभी तक कोई जवाब नहीं आया है और न ही कमेटी में एसोसिएशन के सदस्यों को शामिल किया गया है। हरियाणा विधानसभा में 2017 में सभी 90 विधायकों द्वारा इस काले कानून का पुरजोर विरोध किया गया था। स्वयं मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी सभी किरायेदारों को आश्वस्त किया था कि न तो किसी प्रोपर्टी को खाली किया जाएगा और न ही कोई बीड़ इस नये कानून के तहत लगेगी। किसी की सरकार द्वारा किसी तरह के कोई लिखित आदेश न देने के कारण हरियाणा में लगभग 15 लाख, पंजाब में 18 लाख, हिमाचल में 17 लाख, दिल्ली में 12 लाख व अन्य राज्यों को मिलाकर पूरे भारत में 15 करोड़ विभिन्न जाति के लोग प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रुप से वक्फ बोर्ड की मनमानी व ज्यादतियों के कारण फिर से शरणार्थी बनने की कगार पर है। वक्फ बोर्ड के अधिकारी किरायेदारों से बुरी तरह से पेश आ रहे हैं। वक्फ बोर्ड का कहना है कि ये सभी सम्पत्तियां दान में मिली हुई हैं जबकि आरटीआई में खुलासा हुआ है कि कोई भी जमीन दान की नहीं है। ये सभी सम्पत्तियां बोर्ड को कस्टोडियन से रखरखाव के लिए ट्रांसफर की गई थी जिसका वक्फ बोर्ड से कोई लेना देना नहीं है।
गोयल ने कहा कि लगभग 70-75 सालों से इन जमीनों पर रह रहे लोगों ने अपनी खून-पसीने की कमाई से इन्हें बनाया, जमीन की कीमत से कहीं ज्यादा वक्फ बोर्ड को दान व किराया आदि दे चुके हैं। आज इन भ्रष्ट अधिकारियों के बहकावे में आकर सरकार हमें बेघर करने पर उतारु है। आज हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, चंडीगढ़ आदि मेें वक्फ बोर्ड के खिलाफ प्रदर्शन करके पुतले फूंके गए। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जब तक केंद्र व राज्य सरकार इस काले कानून के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाएगी, हमारा आंदोलन जारी रहेगा। प्रधानमंत्री से आग्रह किया गया है कि ये सारी सम्पत्तियां भारत सरकार की सम्पत्तियां घोषित करें व भ्रष्ट वक्फ बोर्ड को भंग कर इन सारी सम्पत्तियों को इन पर रह रहे विभिन्न जाति के बाङ्क्षश्ंादों को उचित मूल्य पर देवें एवं गरीब लोगों को सबको घर-सबको काूम के तहत मुफ्त देवें ताकि सभी का भला हो सके। आज के प्रदर्शन में सुरेन्द्र लाहौरिया, राजेश सहगल, सुनील खेड़ा, अशोक मगगू, राजकुमार बजाज, राजकुमार सलूजा, शुभम वलेचा, कपिल चोपड़ा, हरीश लोहिया, सुनील मुंजाल, महेन्द्र मेहता, निशांत मुटरेजा, अंशुल, नंदलाल पाहवा, नरेश, खानक तोशाम से कृष्ण कुमार, हांसी से नरेश सैनी, नंगथला अग्रोहा से शगुनचंद व अमरसिंह, बरवाला से राकेश बंसल सहित सैंकड़ों किरायेदार शामिल रहे।