हिसार,
अटलांटा, अमेरिका में भारतीय संस्कृति एवं योगा के शिक्षक डा. सोमवीर आर्य ने कहा है कि महर्षि पतंजलि के योग सूत्रों में जीवन की हर समस्या का समाधान है। लम्बे समय तक लगातार श्रद्धा के साथ कठिन परिश्रम करके ही अपेक्षित सफलता प्राप्त की जा सकती है। यह सफलता का सबसे महत्वपूर्ण व उपयोगी सूत्र है।
डा. सोमवीर आर्य बुधवार को गुरुजम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय हिसार के हिन्दी विभाग में विद्यार्थियों को सम्बोधित कर रहे थे। हिन्दी विभाग के अध्यक्ष प्रो. किशनाराम बिश्नोई भी इस अवसर पर उपस्थित रहे। डा. सोमवीर आर्य ने कहा कि भारतीय संस्कृति विश्व की महान संस्कृति है। दुनिया के विकसित देश अब भारतीय संस्कृति का अनुसरण कर रहे हैं। योग की तरफ उनका रूझान बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि पाश्चात्य संस्कृति में दिखावा तो है, लेकिन सत्यता कम है। भारतीय संस्कृति जीवन जीने की सभी विधाओं को अत्यंत सारगर्भित तरीके से परिभाषित करती है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वे किसी दिन से भी अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ने की शुरुआत कर लें। उसके बाद निरंतरता व समर्पण के साथ श्रद्धाभाव से लगे रहें। उन्होंने कहा कि ऊर्जा का सदुपयोग करके हम राष्ट्र, समाज व स्वयं की सेवा कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि योग व धर्मदर्शन में शोध, शिक्षण व रोजगार की भी काफी संभावनाएं हैं। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के गुरु जम्भेश्वर जी महाराज धार्मिक अध्ययन संस्थान के शोधार्थी व हिन्दी विभाग के शिक्षक भी उपस्थित रहे।