फतेहाबाद

अनिल विज के महकमें में भ्रष्ट्राचार की दस्तक, बिना विज्ञापन निकाले दी नौकरी

फतेहाबाद (साहिल रुखाया)
भले ही प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज अपने महकमें सुधार करने की बात करते हो लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। एक बार फिर नागरिक अस्पताल से गड़बड़झाले का मामला सामने आया है। इस बार आरोप फतेहाबाद के सिविज सर्जन डा.मुनीष बंसल पर लगे है।

फतेहाबाद स्वास्थ्य विभाग में भर्तियों को लेकर आए दिन आरोप लगते आ रहे हैं, लेकिन जिला प्रशासन अभी तक इस ओर आंखें मूंदे बैठा है। प्रशासन के इस रवैये पर शिकायतकर्ता राजेश कुमार ने हैरानी जताते हुए प्रशासनिक अधिकारियों पर भी मिलीभगत के आरोप जड़ रहे हैं। पिछले डेढ़ वर्ष से स्वास्थ्य विभाग के गड़बड़झाले उजागर कर रहे युवाओं ने आज एक बार फिर डीसी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा और कार्रवाई की मांग की।

शिकायतकर्ताओं ने बताया कि वे पिछले डेढ़ वर्ष से भ्रष्टाचार की शिकायत कर रहे हैं, लेकिन जब से सीएमओ डॉ.मुनीष बंसल आए हैं, जांच आगे नहीं बढ़ पा रही है। डीसी कार्यालय की ओर से रिमांइडर देने पर भी र्कारवाई नहीं हो रही। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों स्टाफ नर्स, डेटा इंटरी आपरेटर और फार्मासिस्ट की भर्ती की गई। इसका ना तो विज्ञापन निकाला, ना सूचना दी गई। वे अब ड्यूटी दे रहे हैं। लेकिन डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन का काम अब हो रहा है, जब डॉक्यूमेंट ही वेरीफाई नहीं थे तो जॉब कैसे दी गई। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार सरेआम हो रहा है।

पहले डिप्टी सीएमओ डॉ.हनुमान तक सवाल उठा चुके हैं। इससे पहले भी अयोग्य कम्प्यूटर आपरेटर भर्ती किए गए थे, जो स्वयं यह कह चुके थे कि उन्हें टाइपिंग तक नहीं आती। उस मामले में भी कार्रवाई नहीं की गई। इससे भी पहले यहां से ठेके पर लगे हटाए गए कर्मचारियों के मामले को वे हाईकोर्ट लेकर गए। हाईकोर्ट ने सिविल सर्जन और एजेंसी को हटाए कर्मचारियों को दोबारा ज्वाइन करवाने के आदेश दिए थे। लेकिन इस आदेश के बावजूद कोई ज्वाइनिंग नहीं हुई। उनका आरोप है कि सिविल सर्जन के कार्यालय में लगा एक कर्मचारी एसडीएम की जांच में दोषी पाया गया, उस मामले में भी कोई कार्रवाई ना होना एक तरह से भ्रष्टाचार की तरफ इशारा करता है।

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