रतिया,
जल एवं स्वच्छता सहायक संगठन और जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग द्वारा सामुदायिक केंद्र में चलाए जा रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम के पाचंवे दिन ग्राम पंचायत नगंल, सरदारेवाला, लधुवास, महमदकी, पिलछियां, अलिका, मलवाला, कलोठा, लालवास और जल्लोपुर ग्राम जल एवं सीवरेज समिति सदस्यों को प्रशिक्षण दिया गया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में खंड संसाधन संयोजक कुलदीप सिंह ने बताया कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत 2022 तक पूरे प्रदेश में ऐसा कोई घर नहीं बचेगा, जिसमें कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन उपलब्ध ना हो। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल का यह सर्वोच्च लक्ष्य है जिसको प्राप्त करने के लिए जन समुदाय की भागीदारी अत्यंत आवश्यक बनती है। उसी भागीदारी के तहत ग्राम जल एवं सीवरेज समिति बनाई गई है, जिसमें अध्यक्ष सरपंच होगा, ग्राम सचिव, पंचायत मेंबर, आंगनबाड़ी वर्कर, आशा वर्कर, सेवानिवृत्त अध्यापक, पूर्व सैनिक, चौकीदार, स्वयं सहायता समूह की प्रधान और सामाजिक कार्यकर्ता इत्यादि के साथ-साथ पंचायती राज और जन स्वास्थ्य विभाग के कनिष्ठ अभियंता समिति सदस्य होंगे। मिशन के अंतर्गत ग्राम पंचायत की पेयजल व्यवस्था पंचायतों को हस्तांतरित कर दी जाएगी और उन्हीं के माध्यम से पेयजल व्यवस्था के रखरखाव और संचालन का बजट लागू होगा। खंड संयोजक राकेश कुमार और अमित ने पानी के महत्व, पानी बचाने के उपाय, पानी की गुणवत्ता को बनाए रखने के तौर तरीके, फील्ड टेस्टिंग किट और जल संरक्षण पुरस्कार बारे विस्तारपूर्वक जानकारी दी। इस अवसर पर सरपंच, ग्राम सचिव, अध्यापक सुमित कुमार, आंगनबाड़ी वर्कर, आशा वर्कर, वाटर पंप ऑपरेटर, ग्रास रूट वर्कर्स और सामाजिक कार्यकर्ता एवं सक्षम इत्यादि मौजूद रहे।