दिल्ली की घटना की निंदा, केन्द्र व दिल्ली पुलिस को बताया जिम्मेवार
हिसार,
निकटवर्ती गांव चौधरीवास टोल प्लाजा पर 34वें दिन भी किसानों का धरना जारी रहा। इस दौरान पूर्व की भांति टोल भी फ्री रहा और किसानों ने किसान एकता के नारे लगाए। धरने की अध्यक्षता वयोवृद्ध किसान उमेद सिंह पिलानिया ने की।
किसानों व मजदूरों को संबोधित करते हुए किसान सभा के जिला प्रधान शमशेर सिंह नंबरदार व सचिव सूबे सिंह बूरा ने कहा कि लाखों लाख किसानों की गणतंत्र-ट्रेक्टर परेड दिल्ली में शांतिपूर्ण रही लेकिन लालकिले की जो घटना हुई, वह निंदनीय है। इस घटना से पिछले 64 दिन से दिल्ली के चारों तरफ बैठे किसान आंदोलनकारियों का कोई सरोकार नहीं है। जिस तरीके से इनको आसानी से चोर रास्ते द्वारा सीधा लालकिले तक जाने की खुली परमिशन दी गई, उससे तो यह लगता है कि दिल्ली पुलिस और उच्च स्तर पर केंद्रीय सरकार इस सारे कांड में योजनाबद्ध तरीके से संलिप्त हैं। इन तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ लडऩे वाला संगठन इस तरह की हरकत करने की कभी सोच भी नहीं सकता। आंदोलनकारी किसानों का गणतंत्र दिवस के ऐतिहासिक अवसर पर किसान गणतंत्र परेड करने का ही कार्यक्रम था, जो इस बहुत ही निंदनीय घटनाक्रम के कारण पूरा नहीं हो सका। इसका सभी किसानों को भारी मलाल है। सभी किसानों ने मांग की है कि कल की घटना के लिए दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए और निर्दोष किसानों के खिलाफ कोई भी झूठी एफआईआर ना की जाए।
धरने में किसान नेता सुभाष कौशिक, महेंद्र पिलानिया, डॉ. परमानंद, सत्यवीर सिंह सतु, सोहनलाल लखेरा, सुभाष सिहाग, फूलकुमार, सुनील ग्रेवाल, धोलिया, राजकुमार झिझरिया, जिला कमेटी सदस्य राजकुमार, सतवीर पूनिया व गुरमेज सिद्धू सहित सैकड़ों किसान शामिल रहे।