उत्तर प्रदेश

पुलिस का बदला : कासगंज का कटरी किंग मोती सिंह एनकाउंटर में ढेर

लखनऊ,
कासगंज में सिपाही की पीट-पीटकर हत्या करने वाला मुख्य आरोपी मोती सिंह रविवार तड़के 3.30 बजे एनकाउंटर में मारा गया। उसके पास से पुलिस ने दरोगा की गायब पिस्टल भी की बरामद की है। मोती सिंह सिढ़पुरा थाने के सिपाही की हत्या और दारोगा को बुरी तरह से घायल करने की घटना का मुख्य आरोपी था। घटना के दिन से फरार चल रहे मोती को पिछले कई दिनों से पुलिस तलाश कर रही थी।
1 लाख का था इनाम
मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम लगातार कई जिलों में दबिश दे रही थी। उस पर एक लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया गया। लेकिन वह पुलिस की गिरफ्त से बाहर चल रहा था। इस बीच देर रात कासगंज कांड के एक लाख इनामिया मोती सिंह का पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया। एनकाउंटर के बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
कावी नदी पर एलकार का एनकाउंटर
इससे पहले कासगंज मामले में एक और आरोपी पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया था। दरअसल, वारदात के मुख्य आरोपी मोती के भाई एलकार तथा उसके साथियों को पुलिस ने कावी नदी के किनारे घेर लिया था। इस दौरान दोनों ओर से हुई गोलीबारी में एलकार घायल हो गया, उसे अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गई।
कटरी किंग से थी पहचान
पुलिस ने मोती पर एक लाख का इनाम रखा था। इलाके में इस हिस्ट्रीशीटर का भय था। लोग उसे कटरी किंग कहते थे। पुलिस ने मारपीट की घटना के बाद अगले ही दिन मोती के भाई एलकार को एनकाउंटर में ढेर कर दिया था। एलकार मोती का चचेरा भाई था। उसका एनकाउंटर भी 10 फरवरी को सुबह तड़के तीन बजे काली नदी के किनारे किया गया था। पुलिस इस केस में मोती की मां सियारानी, नवाब और गुड्डू को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।​​​​​​​
पुलिसकर्मियों को बनाया था बंधक
कासगंज पुलिस के दरोगा अशोक पाल अपने हमराह सिपाही देवेंद्र के साथ शराब माफियाओं पर कार्रवाई करने निकले थे। वहां दुर्दांत अपराधी मोती धीमर के शराब के अड्डे पर छापेमारी के दौरान पुलिस कर्मियों को बंधक बनाकर मारपीट की गई थी। मोती ने अपने भाइयों और साथियों के साथ मिलकर पुलिसकर्मियों को उनके कपड़े उतारकर पीटा था।
बर्बरता से की थी मारपीट
पुलिसकर्मियों पर बर्बरता की सारी हदें पार करते हुए उन्हें लाठी और लोहे के भाले के प्रहार से घायल कर दिया गया था। सूचना पर पहुंची पुलिस ने कॉंबिंग के दौरान लहूलुहान हालत में मिले दरोगा अशोक पाल और सिपाही देवेंद्र को अस्पताल भिजवाया था, जहां उपचार के दौरान गंभीर रूप से घायल सिपाही देवेंद्र ने दम तोड़ दिया था। दरोगा अशोक पाल को गंभीर हालत में अलीगढ़ रेफर कर दिया गया था, जहां वो उपचाराधीन हैं।
12 दिन में हो गया हिसाब
घटना के बाद STF की पांच टीमों समेत पुलिस और SOG की कुल 12 टीमें गठित की गईं थीं, खुद सीएम योगी और डीजीपी एचसी अवस्थी घटना की मॉनिटरिंग कर रहे थे। घटना के 12 दिन बाद पुलिस टीम को मुखबिर की सूचना पर यह बड़ी कामयाबी हाथ लगी है।

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