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सावधान! अब गेहूं की कीमतों में आयेगा भारी उछाल, जौ, मक्का, सरसों और सूरजमुखी पर भी पड़ेगा असर

डेस्ट न्यूज,
टमाटर ने भले ही भारत की गृहणियों का स्वाद बिगाड़ने का काम किया हो लेकिन अब गेहूं पूरी दुनियां के मुहं का जायका बिगाड़ने जा रही है। जी हां, आज से पूरी दुनियां में गेहूं के दाम बढ़ने जा रहे हैं। आज वैश्विक स्तर पर गेहूं के दाम में 3.5 फीसदी की बढ़त देखने को मिली है। ऐसे में अब साफ हो चुका है कि अब दिन—प्रतिदिन गेहूं के दाम बढ़ते जायेंगे। अनुमान है कि यह बढ़त 20 फीसदी तक जायेगी।

दरअसल, रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन को एक बड़ा झटका दिया है। रूस यूक्रेन को काला सागर से अनाज निर्यात की अनुमति देने वाले समझौते से बाहर हो गया है। रूस ने सोमवार को कहा है कि वो संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता वाले काला सागर समझौते से हट रहा है क्योंकि उसकी शर्तों को पूरा नहीं किया गया है। यह समझौता इसलिए भी बेहद अहम था क्योंकि इसके कारण वैश्विक खाद्य की कीमतों को 20 प्रतिशत तक कम रखने में मदद मिली थी। रूस और यूक्रेन बड़े स्तर पर गेहूं निर्यात करते हैं।

रूस ने इस घोषणा से कुछ घंटे पहले ही कहा था कि क्रीमिया के उसके पुल पर हमला यूक्रेन ने किया था। क्रीमिया के 19 किलोमीटर लंबे पुल पर हमला अक्टूबर 2022 में हमला हुआ था। काला सागर और अजोव सागर को जोड़ने वाला क्रीमिया का पुल रूस के लिए आर्थिक रूप से बेहद अहम है।

क्रीमिया ब्रिज पर हमले से यूक्रेनी सेना ने इनकार किया था। उसका कहना था कि यह हमला रूस ने खुद ही किया होगा। हालांकि, कुछ महीनों बाद यूक्रेन ने क्रीमिया ब्रिज पर हमले की बात अप्रत्यक्ष रूप से स्वीकार ली थी लेकिन अब यूक्रेन की मीडिया ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि इसके पीछे यूक्रेन की सुरक्षा सेवा थी।

रूस-यूक्रेन के बीच इस अनाज समझौते से वैश्विक बाजार में गेहूं की कीमतों को 20 फीसद तक कम रखने में मदद मिली है। समझौते से रूस के निकल जाने का असर पूरी दुनिया पर होने वाला है। इस खबर के बाहर आने के तुरंत बाद वैश्विक बाजार में गेहूं की कीमत में 3.5 फीसद से अधिक का उछाल देखा गया है।

दुनिया के सबसे बड़े अनाज उत्पादक यूक्रेन ने इस समझौते के तहत पिछले साल 3.2 करोड़ मीट्रिक टन से अधिक मक्का, गेहूं और अन्य अनाजों का निर्यात किया था। समझौता खत्म होने से पहले यूक्रेन से आखिरी जहाज रविवार को काला सागर के जरिए निकला था।

रूस और यूक्रेन दुनिया के दो बड़े कृषि उत्पादक हैं जो भारी मात्रा में गेहूं, जौ, मक्का, सरसों, सरसों का तेल, सूरजमुखी के बीज और सूरजमुखी तेल का उत्पादन और निर्यात करते हैं। उर्वरक बाजार में भी रूस का दबदबा है। रूस के अनाज समझौते से बाहर होने के बाद यूक्रेन को अनाज के निर्यात में दिक्कतें आएंगी।

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Jeewan Aadhar Editor Desk