धर्म

परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—321

एक लड़का अपने गुरु के साथ आश्रम में रहता था। एक दिन उस लड़के ने गुरु से कहा कि गुरुदेव मेरे जीवन में बहुत सी समस्याएं हैं, मैं इन समस्याओं को कैसे हल कर सकता हूं, कृपया कोई रास्ता बताएं।

संत ने अपने शिष्य से कहा कि ठीक है, मैं तुम्हें रास्ता बता दूंगा, लेकिन पहले तुम मेरी बकरी को खूंटे से बांध दो। इतना कहते हुए गुरु ने बकरी की रस्सी लड़के को पकड़ा दी। बकरी संत के अलावा किसी और से नियंत्रित नहीं होती थी।

जैसे ही रस्सी लड़के ने पकड़ी वह उछल-कूद करने लगी। बहुत कोशिश करने के बाद भी लड़का उस बकरी को खूंटे से बांध नहीं पा रहा था। तब लड़के ने अपने दिमाग दौड़ाया। उसने सबसे पहले उस बकरी को पकड़ा और उसके पैर रस्सी से बांध दिए। इसके बाद बड़े आराम से उसने बकरी को खूंटे बांध दिया।

शिष्य की बुद्धिमानी देखकर उसके गुरु प्रसन्न हो गए और उन्होंने उससे कहा कि तुमने दिमाग का बहुत अच्छा उपयोग किया है। अगर हम इसी तरह किसी भी समस्या की जड़ को पकड़ लेंगे तो वह समस्या बहुत ही आसानी से हल हो जाएगी और हमें कामयाबी मिल जाएगी। यही सफलता का मूल मंत्र है।

धर्मप्रेमी सुंदरसाथ जी, जीवन में जब भी बाधाएं हैं तो अधिकतर लोग निराश हो जाते हैं और परेशानियां ज्यादा उलझ जाती हैं। समस्याओं को दूर करने के लिए हमें बुद्धिमानी से काम लेना चाहिए।

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