धर्म

परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से — 398

पुराने समय की बात है, एक छोटे से गाँव में रामू नाम का एक किसान रहता था। रामू बहुत परिश्रमी और मेहनती था। उसका एक पुत्र था, जिसका नाम राजू था। रामू ने अपनी खेती और मेहनत से अपने परिवार को सुखी रखा था। राजू अपने पिता की तरह मेहनत करने से कतराता था और आराम में जीवन बिताने की चाहत रखता था।

एक दिन रामू ने महसूस किया कि वह बूढ़ा हो रहा है और अब खेती का सारा भार उठाने में सक्षम नहीं है। उसने राजू को खेतों की जिम्मेदारी सौंपने का निर्णय लिया। लेकिन राजू को खेती की कठिनाईयों का ज्ञान नहीं था और उसने खेती का काम करने से इनकार कर दिया। उसने कहा, “पिताजी, मुझे यह कठिन काम नहीं करना है। यह मेरे बस की बात नहीं है।”

रामू ने सोचा कि उसे अपने बेटे को एक महत्वपूर्ण सीख देने की जरूरत है। उसने राजू को खेत में एक पुरानी गाड़ी के पास बुलाया और कहा, “देखो, बेटा, इस गाड़ी को चलाना आसान नहीं है। इसके पहिए पुराने हो गए हैं और यह चलने में कठिनाई पैदा करती है। अगर हम इसे चलाना चाहते हैं, तो हमें इसके पहियों को ठीक करना होगा।”

रामू ने राजू से कहा, “तुम इस गाड़ी के पहियों को बदल दो और फिर इसे चलाने की कोशिश करो।” राजू ने पहियों को बदलने का काम शुरू किया और उसे बहुत कठिनाई हुई। उसे पसीना आ गया, हाथों में छाले पड़ गए, लेकिन उसने हार नहीं मानी। आखिरकार, उसने पहियों को ठीक कर लिया और गाड़ी को चलाने में सफल हुआ।

रामू ने कहा, “देखो बेटा, यह गाड़ी हमारी खेती की तरह है। अगर हम इसे सही तरह से देखभाल नहीं करेंगे और मेहनत नहीं करेंगे, तो यह नहीं चलेगी। लेकिन जब तुमने प्रयास किया और मेहनत की, तो तुमने इसे चलाने में सफलता पाई।”

राजू ने अपने पिता की बात को समझा और खेती के काम को गंभीरता से लिया। उसने मेहनत शुरू की और धीरे-धीरे खेती में सफलता प्राप्त की। वह अपने पिता के नक्शे कदम पर चलने लगा और उसकी मेहनत ने उसके जीवन को बदल दिया।

इस कहानी में, एक किसान अपने बेटे को मेहनत की महत्वता समझाता है। किसान रामू ने अपने बेटे राजू को सिखाया कि बिना मेहनत और प्रयास के जीवन में सफलता प्राप्त नहीं की जा सकती। यह कहानी इस बात पर जोर देती है कि जीवन में कठिनाईयों का सामना करने और मेहनत करने से ही हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं।

धर्मप्रेमी सुंदरसाथ जी, मेहनत और परिश्रम के बिना जीवन में कोई भी लक्ष्य प्राप्त नहीं किया जा सकता। हर कठिनाई का समाधान होता है, बशर्ते हम उसे हल करने का प्रयास करें और अपने प्रयासों में विश्वास रखें।

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