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बच्चों को फेंकने की बजाय बाल कल्याण समिति को सौंप दें बच्चा : एडवोकेट चंद्रवंशी

हिसार,
बाल कल्याण समिति हिसार के सदस्य एडवोकेट मनोज कौशिक चंद्रवंशी ने कहा है कि यदि किसी कारणवश माता-पिता अपने नवजात बच्चों को रखने में असमर्थ हो तो वह उस बच्चे को फेंकने की बजाय बाल कल्याण समिति को सौंप दें ताकि समिति उस बच्चे का समुचित प्रबंध कर सकें व उचित लोगों को दत्तक ग्रहण एजेंसी के माध्यम से दे सके।
एडवोकेट चंद्रवंशी ने बताया कि हाल ही में 13 मई को कोई व्यक्ति जींद के सिविल अस्पताल में नवजात बच्ची को छोडक़र चला गया था। मानवता को शर्मसार करने वाली इस घटना को अंजाम देने वाले ने बच्ची को शौचालय में ही छोड़ दिया था, जो अस्पताल के स्टाफ की सूझबूझ व जींद जिले की बाल कल्याण समिति के प्रयासों से अब सुरक्षित है। वह हिसार बाल भवन के विशेष दत्तक ग्रहण एजेंसी में रह रही है। एडवोकेट चंद्रवंशी ने बताया कि कई बार नाबालिक लड़कियां या अविवाहित लड़कियां भी गर्भवती हो जाती है। वे समाज के भय से उस बच्चे को रख पाने में सक्षम नहीं होती, इसलिए नतीजन बच्चे को लावारिस स्थिति में शौचालय या झाडिय़ों जैसे निर्जन स्थान पर फेंक देते हैं, जो सरासर गलत एवं अपराध की श्रेणी में आता है। इससे बच्चे की जान जाने की संभावना होती है। यह एक घोर कृत्य है जो सभ्य समाज पर एक कलंक है। ऐसी किसी भी परिस्थिति में जब माता अथवा पिता या बच्चे का परिवार बच्चे को रखने में सक्षम न हो तो ऐसे बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष समर्पित किया जा सकता है।

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