आदमपुर,
वो उंगलियों का जादूगर था..रंगों से समाज को नई दिशा दिखाने का काम करता था। वो समाजसेवी था..जरुरतमंदों को रक्त उपलब्ध करवाने के लिए जनूनी था। वो प्रकृति प्रेमी था..पौधों की सेवा कर उसको पेड़ बनाना उसकी दिनचर्या थी। वो धर्म प्रेमी था.. प्रत्येक धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल होना उसका आत्मिक भोजन था। वो शिक्षक था..इतिहास विषय के अध्यापक रहे। वो शांति का उपासक था..वो मृदभाषी था..वो सादगी पंसद था..सच कहे तो—वो एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक संस्था था। एक साथ इतने गुणों को धारण करके सदियों में ऐसी आत्माएं धरती पर आती है।
हम बात कर रहे हैं रिटायर्ड हिस्ट्री प्राध्यापक राजेंद्र शर्मा की। मई माह के अंतिम दिन वो हिसार के जिंदल अस्पताल में कोरोना से अपनी जंग हार गए। करीब 15 दिन तक उन्होंने मौत और जिंदगी से संघर्ष किया और अंत में उन्होंने नश्वर संसार को छोड़ प्रभु श्री के चरणों में अपना स्थान बना लिया। राजेंद्र शर्मा वैसे तो हिस्ट्री के प्राध्यापक रहे लेकिन उनकी असली जान चित्रकारी में बसती थी। उनकी उंगलियों में जादू था। वे ब्रुश और रंगों की एक अलग दुनियां बनाने में लगे रहते थे। उन्होंने एक से बढ़कर एक खुबसुरत पेंटिग बनाई।
राजेंद्र शर्मा शहीद भगतसिंह युवा मंडल के संरक्षक भी थे। ब्राह्मण सभा के सचिव थे। जैन सभा, वनवासी कल्याण आश्रम और सेवा भारती के सक्रिय सदस्य थे। वे युवाओं को समाजसेवा और रक्तदान के लिए जीवनभर प्रेरित करते रहे। भारत मां के लिए उनके हृदय में गज़ब का समपर्ण भाव था। पर्यावरण से उनको काफी लगाव था। इसके चलते उन्होंने हुडा पार्क में काफी पेड़ लगाए और उनकी सेवा की। वे शांत और मृदभाषी थे। वे अक्सर युवाओं को क्रोध पर विजय पाने के लिए उत्साहित करते रहते थे। राजेंद्र शर्मा ज्ञान के सागर थे। उनके पास जो भी जिज्ञासु जाता उसकी जिज्ञासा को वो पूर्ण रुप से शांत करके ही वापिस भेजते थे।
कोरोना महामारी में उनके निधन से आदमपुर ने एक व्यक्ति को नहीं बल्कि एक पूरी संस्था को खो दिया। उनके निधन पर आदमपुर के राजनीतिक, समाजिक व धार्मिक संस्थाओं ने शोक व्यक्त किया है। समाजसेवी छबील दास कालीराणा, दीनदयाल छानीवाले, नरेश शर्मा, जीत भदरेचा, राकेश शर्मा, कपिल भारतीय, मामराज मिश्रा, रमेश ओझा, मुनीश ऐलावादी, हरभगवान गौड़, अशोक बंसल, विनोद ऐलावादी, चंद्रशेखर शर्मा, राजेंद्र भारती, प्रवीण शर्मा, संजय सोनी, अशोक यादव, रामचंद्र शर्मा, डा. जयंत प्रकाश, एडवोकेट संजय भारद्वाज,डा. श्याम बिश्नोई, आनंद शर्मा, राजेंद्र सारंगपुरिया, राजीव शर्मा, कृष्ण दत्त धमीजा,अमित गोयल, रमेश ओझा, एडवोकेट सतपाल भांभू, औमप्रकाश शर्मा, धर्मवीर जांगड़ा, गुलशन खेतरपाल सहित अनेक लोगों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए ईश्वर से दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान देने की प्रार्थना की।