हिसार

आदमपुर : तापमान 42 डिग्री और राशन डिपुओं पर मिल रहा बाजरा, जानें गर्मी में बाजरे के नुकसान

आदमपुर,
पिछले काफी दिनों से आदमपुर क्षेत्र का तापमान 42 डिग्री के आसपास चल रहा है। ऐसे में खट्टर सरकार ने लोगों को अब गर्मी में बाजरा परोस रही है। गर्मी के मौसम में राशन डिपुओं पर बाजरा मिलने से गरीब तबके के लोग परेशान है।
राशन उपभोक्ता महेन्द्र, मनोज, पवन, रोशन, बिमला, गीता, मंजू आदि ने बताया कि पिछले महिने एवं इस महिने डिपुओं पर गेंहू के साथ बाजरा भी दिया जा रहा है जो गर्मी में कोई काम का नही है। ये सर्दियों में मिलता तो ठीक था लेकिन अब गर्मी में इसका क्या करे।
क्या समस्या होती है गर्मी में बाजरे से
वैद्य कृष्ण पंडित का कहना है कि बाजरा शरीर में गर्मी और सूखापन पैदा करता है। गर्मी के मौसम में गर्म तासीर की चीजें खाने से पेट खराब हो जाता है। रक्तचाप बढ़ सकता है और ​हृदय की धड़कन बढ़ सकती है। इससे बैचेनी भी हो सकती है। इसके अलावा नक्सीर आने की समस्या भी देखने को मिल सकती है। बाजरा ग्लूकोज को सोख लेता है। ऐसे में गर्म मौसम में शरीर में पानी की कमी भी हो सकती है।
फैसला सरकार का, आफत में डिपो होल्डर
बता दें, बाजरे का लम्बा समय तक घरों में भंड़ारन भी नहीं किया जा सकता। यह जल्द खराब होने लगता है। ऐसे में सरकार द्वारा गरीब लोगों को गर्मी में दिया जा रहा बाजरा किसी सजा से कम नहीं है। आमजन के साथ—साथ राशन डिपो संचालक भी सरकार के इस निर्णय से हैरान और परेशान है। इनका कहना है कि कोई भी बाजरा नहीं चाहता। गरीब और अनपढ़ लोग उनसे झगड़ा कर रहे है कि उन्हें बाजरा नहीं कनक चाहिए। वे उनको समझा—समझा कर थक गए है कि यह फैसला सरकार का है और बाजरा सरकार भेज रही है।
किसानों से बड़ी मात्रा में खरीदा गया था बाजरा
दरअसल, राज्य सरकार ने किसानों से करीब 7 लाख टन बाजरा खरीदा था। इसमें से सरकार ने 4 लाख टन बाजरा ओपन मार्केट में 600 रुपए प्रति क्विंटरल के कम दाम में बेच दिया। इससे राज्य सरकार को 6 सौ करोड़ का घाटा उठाना पड़ा। सरकार पहले इस बाजरा को विदेश में बेचना चाहती थी, लेकिन यह योजना सफल नहीं हो पाई।
75 हजार टन बटेगा बाजरा
जिसके बाद प्रदेश सरकार को पिछले साल किसानों से खरीदे गए इस बाजरा को मार्केट में बेचने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। लेकिन, विदेश के साथ ही देश के मार्केट में भी बाजरा को किसी ने नहीं पूछा। ऐसे में सरकार ने बचे हुए बाजरा को ठिकाने लगाने के लिए अब राज्य के 11 लाख गरीब परिवारों को सरसों तेल की जगह बाजरा बांटने का फैसला लिया है। कोरोना के बीच नवंबर, दिसंबर और जनवरी के मध्य करीब 75 हजार टन बाजरा की सप्लाई राशन डिपुओं के जरिए की गई थी। अब सरकार 75 हजार टन बाजरा और देगी।
बांटा जा रहा गेहूं का खराब आटा
इसके अलावा डिपुओं पर दिया जाने वाला गेहूं का आटा काफी समय से खराब मिल रहा है। खराब होने के चलते आटा पशुओं व गौशालाओं में देने को मजबूर है। लोगों ने प्रशासन से आटा अच्छा दिलाने व बाजरे की जगह गेंहू दिलाने की मांग की है ताकि परेशानी से बचा जा सके।

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