हिसार

जाट धर्मशाला सभा के प्रशासक संतलाल पचार को हटाने की मांग

प्रशासक पर धर्मशाला में अनियमितताएं करने का आरोप

हिसार,
जाट धर्मशाला सभा हिसार की एडहॉक कमेटी के सदस्यों ने उपायुक्त एवं फर्म व सोसायटी विभाग के जिला रजिस्ट्रार से मांग की है कि जाट धर्मशाला के प्रशासक संतलाल पचार को हटाकर जाट धर्मशाला सभा हिसार की एडहॉक कमेटी को चार्ज दिया जाए। कमेटी सदस्यों का कहना है कि जाट धर्मशाला में तीन माह के लिए प्रशासक की नियुक्ति की गई थी, जिनका कार्यकाल समाप्त हो चुका है।
एडहॉक कमेटी के सदस्यों विकेन्द्र मलिक, संजीव कोहाड़ व रविन्द्र कालीरावण ने कहा कि जाट धर्मशाला सभा हिसार के सम्बंध में रजिस्ट्रार जनरल ऑफ सोसायटी हरियाणा कम डायरेक्टर मिमो नम्बर आरजीओएस/एमआईएससी/2020/699 जारी किया गया जिसके तहत यह आदेश दिया गया कि जिस भी सोसायटी का कार्यकाल 15 मार्च 2020 को लॉकडाऊन की अवधि के दौरान खत्म होना है, वहां पर एडहॉक कमेटी काम करती रहेगी। इसी दौरान कोरोना के चलते एक अप्रैल 2020 को जाट धर्मशाला सभा हिसार कोविड केयर सेंटर बना दिया गया। उन्होंने बताया कि 12 मार्च 2021 को जाट धर्मशाला सभा की आम मीटिंग बाबत समाचार पत्रों में सूचना दी गई तथा सूचना के दो दिन बाद 14 मार्च 2021 को पूर्व मंत्री कंवल सिंह, पूर्व मंत्री जसवंत सिंह व सेवानिवृत एचसीएस अधिकारी संतलाल पचार की अध्यक्षता में मीटिंग के संदर्भ में यह फैसला लिया गया कि सारी कार्यवाही इन्हीं की देखरेख में होगी। चुनाव सम्बंधी तारीख निर्धारित करने की सभी शक्तियां, अधिकार व दस्तावेज उनको सौंप दिये गये। जिला उपायुक्त ने 26 मार्च 2021 को जाट धर्मशाला को फिर से कोरोना सेंटर बना दिया। इस दौरान एडहॉक कमेटी पूर्व मंत्री कंवल सिंह व सेवानिवृत एचसीएस अधिकारी संतलाल पचार के संपर्क में रही लेकिन इन व्यक्तियों ने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया और न ही कोई कार्यवाही की।
एडहॉक कमेटी सदस्यों ने आरोप लगाया कि इन्हीं लोगों ने जिला रजिस्ट्रार इतबार सिंह गोदारा से मिलीभगत करके अपने राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए 24 अगस्त 2021 को संतलाल पचार को जाट धर्मशाला सभा का प्रशासक नियुक्त करवा दिया जो कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की स्पष्ट अवहेलना है। यही नहीं, प्रशासक की नियुक्ति के संदर्भ में सभा को कोई शौ कॉज नोटिस नहीं दिया गया। उनको प्रशासक नियुक्त करते हुए निर्देश दिए गए थे कि तीन माह की अवधि में वे जाट धर्मशाला सभा के चुनाव करवाएंगे लेकिन वे अपने कार्यकाल में चुनाव भी नहीं करवा पाए जो विभागीय आदेशों की अवहेलना है। उन्होंने बताया कि संतलाल पचार का कार्यकाल तीन महीने का निर्धारित किया गया था जो कि अब पूरा हो चुका है। इस दौरान प्रशासक पद का दुरूपयोग करते हुए संतलाल पचार ने जाट धर्मशाला सभा में अनेक अनियमितताएं की है। प्रशासक ने अपने चहेतों के वोट बनवाने व पूर्व सदस्यों के वोट काटने के लिये एक लोकल अखबार में औपचारिक तौर पर सूचना दे दी, अपने निजी हित के लिये धर्मशाला का कोष खर्च करके दो कमरों को तोडक़र अपना ऑफिस बना लिया जबकि जाट धर्मशाला में पहले भी ऑफिस बना हुआ था। प्रशासक ने अपने निजी जानकार को बिना प्रक्रिया अपनाये नौकरी दे दी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ओने-पोने दामों पर जनरेटर व अन्य कीमती सामान बेच दिया और प्रशासन की बिना अनुमति के हरे-भरे पेड़ कटवा दिये। उन्होंने कहा कि चुनाव में फायदा पहुंचाने की मंशा से अपने निजी चहेतों योगेश सिहाग व ओपी सहरावत को अनेक कमेटियों का मैंबर बना दिया। एडहॉक कमेटी सदस्यों ने उपायुक्त से अपील की कि संतलाल पचार की नियुक्ति रद्द की जाये व एडहॉक कमेटी को नियमानुसार जाट धर्मशाला सभा हिसार की चुनावी प्रक्रिया की अनुमति दी जाये।

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