हिसार

ब्रह्मा बाबा का 53वां स्मृति दिवस शांति दिवस के रूप में मनाया गया

हिसार,
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के बालसमंद रोड पर पीस पैलेस में ब्रह्मा बाबा का 53वां स्मृति दिवस शांति दिवस के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर ब्रह्मा वत्सों द्वारा समूचे विश्व को शांति के प्रकंपन प्रवाहित किए गए।
कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी राजयोग केंद्र हिसार की संचालिका ने रमेश कुमारी ने बताया कि ब्रह्मा बाबा हीरों के व्यापारी थे। एक बार जब मुंबई अपने आवास पर सत्संग चला रहे थे तो अचानक उन्होंने असामान्य स्थिति का अनुभव किया और उठकर बगल के कमरे में जाकर ध्यानमग्न हो गए। कुछ विलंब होने के कारण लोगों ने कमरे में जाकर देखा तो उनकी आंखों से लाल रोशनी निकल रही थी और ‘निजानंद स्वरूपं, शिवोहम् शिवोहम्, ज्ञान स्वरूपं शिवोहम् शिवोहम्, प्रकाश स्वरूपं शिवोहम् शिवोहम्।’ ध्वनि उनके मुख से निकल रही थी। यह अद्भुत और अलौकिक दृश्य था। निराकार त्रिमूर्ति शिव ने उनके तन में प्रवेश किया था। इसके पश्चात उनको ‘महा विनाश’ और आने वाली सतयुगी सृष्टि का साक्षात्कार कराया तो उनको संसार से वैराग्य उत्पन्न हो गया। उसके बाद वे अपने सारे व्यवसाय को समेट कर और तमाम संपत्ति को लेकर ईश्वरीय कार्य में समर्पित हो गए। वे निरहंकारिता, स्नेह, करुणा, क्षमाशीलता, नम्रता आदि गुणों के धनी थे। ब्रह्मा बाबा ने 18 जनवरी 1969 को सम्पूर्णता को प्राप्त कर देह का त्याग किया। उन्होंने सम्पूर्ण विश्व के कल्याण के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन लगा दिया।
इस अवसर पर अनीता, डॉ. आरपी गिलोत्रा, ज्योति, सुदेश, डॉ. राजेंद्र विरमानी, महेश, मुलकराज, डॉ. सरिता बांगा, डॉ. बीर सिंह यादव, संजय तिवारी, डॉ. सोमप्रकाश, डॉ. सीडी अग्रवाल, डा. कृष्ण झाझडिय़ा, डॉ. आरके मलिक व अमन आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।

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