री-सर्कुलिंग एक्वा कल्चर सिस्टम की रखी आधारशिला, मत्स्य पालन के लिए होगी लाभदायक
हल्दी लैब की भी रखी आधारशिला, किसानों को होगा सीधा फायदा
हिसार,
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के 53वें स्थापना दिवस पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज ने री-सर्कुलिंग एक्वा कल्चर सिस्टम की आधारशिला रखी। इस तकनीक के माध्यम से देश में मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए कम क्षेत्र में अधिक उत्पादन हासिल किया जा सकेगा।
कुलपति ने बताया कि रीसर्क्युलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम (आरएएस) एक ऐसी तकनीक है जो पानी के पुन: संचार और पुन:उपयोग पर निर्भर करती है। इससे किसान कम जोत में भी अधिक मछली उत्पादन कर सकते हैं। इस प्रणाली में आयताकार या वृताकार टैंक में कम जगह में अधिक मछली का उत्पादन लिया जा सकता है। इसकी खासियत यह होती है कि इसमे मछली पालन में दूषित हुए पानी को बॉयो फिल्टर टैंक में डाला जाता है फिर इसे फिल्टर करके वापस मछली वाले टैंक में भेज दिया जाता है।
हल्दी लैब से किसानों को मिलेगा सीधा लाभ
कृषि अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय में हल्दी लैब की आधारशिला रखी। इस लैब के बनने के बाद इसमें किसानों के लिए टै्रनिंग आयोजित की जाएगी जिसमें एक दिन में 800 से 1000 किलो कच्ची हल्दी को प्रोसेस किया जा सकेगा। इससे किसानों को सीधा फायदा ये होगा कि वे अपनी खेत से उत्पादित हल्दी को यहां लाकर प्रोसेस करवा सकेंगे जिससे उन्हें बाजार में उसका अच्छा भाव मिल सकेगा। साथ ही यहां पैकेजिंग की भी सुविधा प्रदान की जाएगी।
विश्वविद्यालय की उपब्धियों पर डाला प्रकाश
मौलिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय के सभागार में आयोजित एक कार्यक्रम में कुलपति ने कहा कि हमारा विश्वविद्यालय राष्ट्रीय एवं वैश्विक स्तर पर उत्कृष्ट संस्थान रहा है और शिक्षा, अनुसंधान तथा विस्तार के क्षेत्र में दिन दुगनी रात चौगुनी प्रगति कर रहा है। भविष्य में होने वाली चुनौतियों से अवगत करवाते हुए इन सभी क्षेत्रों में और अधिक मेहनत लगन व समर्पण भाव से काम करते हुए विश्वविद्यालय को और अधिक ऊंचाइयों तक पहुंचाने का लक्ष्य भी रखा। उन्होंने रोजगारोन्मुखी योजनाओं का और अधिक क्रियान्वयन करने व प्राकृतिक खेती को और अधिक लोकप्रिय बनाने के लिए किसानों की आय में वृद्धि पर बल दिया। विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस के उपलख्य में लगातार कार्यक्रमों की श्रृंखला जारी है। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सभी अधिष्ठाताओं, निदेशकों, वित्त नियंत्रक को सम्मानित किया गया। कुलपति ने समाजशास्त्र विभाग की दो अध्ययन पुस्तिकाओं का विमोचन भी किया।