हिसार

श्रीराधे कृष्ण बड़ा मंदिर में अमावस्या के मासिक भंडारे का आयोजन किया गया

‘माघ मास की अमावस्या को मौनी अमावस्या कहते है, इस दिन दान पुण्य का महात्मय बड़ा ही फलदायी होता है’

हिसार,
श्री राधे कृष्ण बड़ा मंदिर में आज अमावस्या का मासिक भंडारे का आयोजन किया गया। शास्त्रों में कार्तिक मास के समान ही माघ मास को पवित्र माना जाता है। इस महीने में पडऩे वाली अमावस्या को माघ अमावस्या या मौनी अमावस्या कहते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मौनी अमावस्या शनिदेव व पितरों से संबंधित है। मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने व भगवान विष्णु की विधि-विधान के साथ पूजा करने से कष्टों से मुक्ति मिलती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन ही मनु ऋषि का जन्म हुआ था और मनु शब्द से ही मौनी की उत्पत्ति हुई। इसलिए मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत रखने से मुनि पद की प्राप्ति होती है। आज भंडारे में पूरी आलू की सब्जी केसर की खीर व मूंग के लड्डू का प्रसाद वितरण किया गया। इस अवसर पर मंदिर के सेवादारों रजत कंसल, दीक्षित बंसल, देवेंद्र सारस्वत, सुधीर गर्ग, कपिल गोयल, माधव, दिनेश सैनी, जतिन, मनोज बजाज, अनिल बत्रा, आभा शर्मा, ममता गोयल, मोना गेरा, शांति बंसल, पारुल ढींगरा आदि ने सेवा दी।

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