30 बच्चों ने लिया भाग, 13 ने हासिल किए शत—प्रतिशत अंक
भविष्य में ‘जाम्भाणी साहित्य संस्कार परीक्षा’ के स्थान पर ‘बिश्नोई समाज, संस्कार परीक्षा’ होगा नाम : पृथ्वी सिंह गिला
आदमपुर,
निकटवर्ती गांव सदलपुर स्थित जम्भ शक्ति चौक में जांभाणी साहित्य संस्कार परीक्षा का आयोजन किया गया। जांभानी धर्म प्रचार सेवा समिति द्वारा आयोजित इस परीक्षा में 30 बच्चों ने भाग लिया।
परीक्षा के आयोजक पृथ्वी सिंह गिला ने बताया कि इसमें 13 बच्चों ने शत—प्रतिशत अंक प्राप्त किए। उनमें से जांभाणी साहित्य के प्रश्न पूछकर पहला, दूसरा व तीसरा स्थान निर्धारित किया गया था। बडोपल गांव की अमृता देवी सुपुत्री संदीप थालोड़ ने प्रथम, खैरमपुर के विष्णु सुपुत्र रामकुमार डारा ने दूसरा व सदलपुर की कल्पना सुपत्री रमेश बेनीवाल ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। इस अवसर पर रिटायर्ड जेडएमईओ पृथ्वी सिंह गिला, डीईओ भजनलाल जाजूदा, प्रवक्ता छबील दास कालीराणा, नेकीराम भांभू, भजन गायिका श्रीमती रीतु बिश्नोई, गुलजारी लाल भांभू, सूबेदार सरजीत सिंह सहारण, रामचंद्र ज्याणी, रामकुमार खीचड़, ओमप्रकाश राहड़, प्रदीप धारणिया, रोशन पूनिया, विष्णु पूनिया, ओमप्रकाश पुजारी व आत्माराम भांभू सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
इस अवसर पर अभियान के सूत्रधार अभियोजन विभाग हरियाणा के सेवानिवृत निदेशक एडवोकेट बनवारी लाल बिश्नोई व सहयोगी पृथ्वी सिंह गिला ने बिश्नोई समाज के गणमान्य व्यक्तियों के सुझाव पर इस अभियान का नाम ‘जाम्भाणी साहित्य संस्कार परीक्षा’ के स्थान पर ‘बिश्नोई समाज, संस्कार परीक्षा’ करने का निर्णय लिया। भविष्य में अब ‘जाम्भाणी साहित्य संस्कार परीक्षा’ के स्थान पर ‘बिश्नोई समाज, संस्कार परीक्षा’ होगी। इसके साथ ही बनवारी लाल बिश्नोई ने पीडीएफ का भाग-2 प्रश्नपत्र, प्रश्नोत्तरी भी बना दिया। इसमें 20 प्रश्न रखे गए हैं। प्रत्येक प्रश्न पांच अंक का होगा। दूसरा पीडीएफ बनाने पर पृथ्वी सिंह गिला ने अपने मित्र बनवारी लाल को उनकी की एक तस्वीर बनाकर सम्मानित किया।